डेढ़ साल में नागौर(Nagaur) जिले में एक लाख(One Lakh) से अधिक बच्चे कुपोषित के रूप में चिन्हित किए गए। इनमें गंभीर कुपोषित बच्चे करीब बीस फीसदी थे तो सवाल ये है की अगर नागौर(Nagaur) में ये हालत है तो आदिवासी इलाकों क्या हाल होगा?