नागौर (Nagaur) के रामसिया गाँव के किसान मावठ की बारिश के बाद फसलों में खाद का छिड़काव कर रहे हैं. कुछ किसान यूरिया का उपयोग कर रहे हैं, जबकि कई देसी खाद, जैसे बायो बेटा खाद, का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है. किसान लाखा राम जाखड़ का कहना है कि मौसम में बदलाव से फसलों को फायदा होगा, लेकिन सर्दी बढ़ने पर नुकसान भी हो सकता है. किसान धनराज जाखड़ और रामदीन भाटी ने सरकार से देसी खाद की उपलब्धता बढ़ाने की अपील की है. किसान मानते हैं कि देसी खाद से फसलें बेहतर होती हैं और यह भूमि और स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है.