
Space: सुनीता विलियम्स 286 दिन अंतरिक्ष में बिता कर धरती पर लौट आई हैं. लेकिन, उनकी वापसी कितनी चुनौती भरी थी इसका अंदाज़ा लगाना आसान नहीं. इसे सिर्फ़ इस बात से समझा जा सकता है कि सुनीता विलियम्स और उनके साथ फंसे दूसरे अंतरिक्ष यात्री को स्पेसएक्स कंपनी के जिस ड्रैगन विमान से लाया गया वह आग के गोले से कम नहीं था. यही वजह है कि इसकी लैंडिंग अमेरिका के फ़्लोरिडा राज्य में समुद्र के पानी में करवाई गई. उनका यान बुधवार (20 मार्च) को स्थानीय समयानुसार शाम 5.57 बजे (भारतीय समयानुसार तड़के 3.27 बजे) लैंड हुआ. अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से पृथ्वी तक वापसी में 17 घंटे लगे. और इस पूरी यात्रा के दौरान सारे वैज्ञानिक सांस थामकर बैठे हुए थे, क्योंकि ये एक मुश्किल अभियान था.
16,000 डिग्री सेल्सियस - क्यों हुआ ऐसा?
यात्रा के अंतिम चरण में स्पेसएक्स ड्रैगन यान ने पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया. इस मौके पर गुरुत्वाकर्षण की वजह से उसकी गति 28,800 किलोमीटर प्रति घंटे हो गई थी. साथ ही इससे उस समय जो घर्षण पैदा हुआ उससे यान के बाहरी परत का तापमान लगभग 1,600 डिग्री सेल्सियस हो गया था.
Splashdown of Dragon confirmed – welcome back to Earth, Nick, Suni, Butch, and Aleks! pic.twitter.com/M4RZ6UYsQ2
— SpaceX (@SpaceX) March 18, 2025
नासा ने बनाई स्पेशल हीट शील्ड
हालांकि,यान के ऊपर गर्मी से बचाव करनेवाल हीट शील्ड लगा था जिससे यान के अंदर बैठे अंतरिक्ष यात्रियों को इसका अहसास नहीं हुआ. यान को गर्मी से बचाने के लिए पिका (PICA) नाम की तकनीक का इस्तेमाल किया गया था. इसे नासा ने विकसित किया है. इसमें एक बहुत ही हल्के लाइटवेट मैटेरियल को यान पर इस्तेमाल किया जाता है.
इसे टाइल की तरह यान पर लगाया जाता है जिससे ऐसा लगता है जैसे ड्रैगन कैप्सूल पिका के बने केस या खोल के अंदर था. इसके बावजूद, जब सुनीता विलियम्स और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ड्रैगन यान लौटा तो उसकी बाहरी परत का रंग बदल गया था. बिल्कुल सफ़ेद रंग का यान भूरा हो गया था जिससे पता चलता है कि गर्मी से इसकी बाहरी परत किस कदर जल गई थी.
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