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This Article is From Oct 30, 2023

Ingenuity Mars Helicopter: मंगल के आकाश में उड़ रहा एक भारतीय का बनाया हुआ चॉपर

नासा का इंजेनिटी मार्स हेलीकॉप्टर अंतरिक्ष अन्वेषण में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है जो कि किसी अन्य ग्रह पर उड़ान भरने वाला पहला हेलीकॉप्टर है, और इसने मंगल और अन्य ग्रहों पर भविष्य के मिशनों का मार्ग दिखाया है.

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Ingenuity Mars Helicopter: मंगल के आकाश में उड़ रहा एक भारतीय का बनाया हुआ चॉपर
NASA में कार्यरत भारतीय नागरिक डॉ जे बॉब बलराम ने इनजेनिटी को डिजाइन किया है.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने मंगल ग्रह पर एक हेलीकॉप्टर को सफलतापूर्वक उड़ाकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. इस हेलीकॉप्टर का नाम इनजेनिटी (Ingenuity) है और इसका निकनेम "गिन्नी" है. यह नासा के प्रिजर्वेंस रोवर का हिस्सा है, जो अब भी मंगल ग्रह पर सक्रिय है.

इनजेनिटी का वजन मात्र 1.8 किलोग्राम है और यह अल्ट्रा-लाइट वेट कार्बन फाइबर से बना है. मंगल ग्रह पर हवा का घनत्व पृथ्वी से 27,000 मीटर ऊपर हवा के घनत्व जैसा है. यह ऊंचाई का वह स्तर है जिस पर मौजूदा हेलीकॉप्टरों कभी नहीं पहुंचे, इसलिए इनजेनिटी को उड़ाने के लिए ब्लेड 2400 और 2900 आरपीएम पर घूमते हैं. यह गति पृथ्वी पर किसी भी हेलीकॉप्टर की ब्लेडों की गति की तुलना में लगभग 10 गुना तेज है.

इनजेनिटी को डिज़ाइन करने वाले व्यक्ति डॉ जे बॉब बलराम (Dr J Bob Balaram) हैं, जो एक भारतीय नागरिक हैं और वर्तमान में नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) में कार्यरत हैं. डॉ बलराम ने कहा कि इनजेनिटी हेलीकॉप्टर बनाना एक चुनौती थी. उन्होंने कहा, "किसी को भी इस पर विश्वास नहीं था."

इनजेनिटी ने अब तक मंगल ग्रह के थिन एटमॉस्फियर में 64 उड़ानें भरी हैं. इसने 19 अप्रैल, 2021 को अपनी पहली उड़ान भरी थी, जो मात्र तीन मीटर की ऊंचाई तक थी. बाद में हेलिकॉप्टर ने क्रमशः अधिक दूरी और अधिक ऊंचाई की अतिरिक्त प्रायोगिक उड़ानें सफलतापूर्वक पूरी की.

इनजेनिटी की उड़ान एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह पहली बार है कि किसी हेलीकॉप्टर ने किसी अन्य ग्रह पर उड़ान भरी है. यह अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह दिखाता है कि हम और भी दूर की यात्रा करने में सक्षम हैं. अगले साल के शुरुआती दिनों में एनआईएसएआर (NISAR) नाम का एक अर्थ इमेजिंग उपग्रह श्रीहरिकोटा से उड़ाया जाएगा. इसे भारत और अमेरिका ने संयुक्त रूप से बनाया है. यह दोनों देशों की लगातार मजबूत होती संयुक्त अंतरिक्ष पहल का हिस्सा होगा.

इनजेनिटी हेलीकॉप्टर की उड़ान का महत्व

इनजेनिटी हेलीकॉप्टर की उड़ान का महत्व कई गुना है. सबसे पहले, यह अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह दिखाता है कि हम अन्य ग्रहों की सतह का पता लगाने के लिए नई और अभिनव तकनीकों का विकास कर सकते हैं.

दूसरा, इनजेनिटी हेलीकॉप्टर मंगल ग्रह के बारे में अधिक जानकारी एकत्र करने में मदद करेगा. यह उन क्षेत्रों में उड़ान भर सकता है जो प्रिजर्वेंस रोवर तक पहुंचने के लिए बहुत खतरनाक या मुश्किल हैं. यह मंगल ग्रह के वातावरण और सतह के बारे में डेटा एकत्र कर सकता है, साथ ही जीवन के संकेतों के लिए भी खोज कर सकता है.

तीसरा, इनजेनिटी हेलीकॉप्टर भविष्य के मंगल ग्रह मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त करता है. यह दिखाता है कि मंगल ग्रह की सतह पर उतरने और उड़ान भरने वाली मशीनें बनाना संभव है. यह भविष्य के मिशनों के लिए नए अवसर खोलता है, जैसे कि मंगल ग्रह पर मानव भेजना.

डॉ जे बॉब बलराम का योगदान

डॉ जे बॉब बलराम का इनजेनिटी हेलीकॉप्टर की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान है. वह हेलीकॉप्टर के मुख्य डिजाइनर हैं और उन्होंने इसके विकास और परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. डॉ बलराम एक भारतीय नागरिक हैं और वर्तमान में नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) में कार्यरत हैं.

डॉ बलराम की उपलब्धि भारत के लिए गर्व का विषय है. यह दिखाता है कि भारतीय वैज्ञानिक विश्व स्तर पर अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.

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