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This Article is From Oct 13, 2023

सिरोही का सियासी गणित, कांग्रेस से संयम लोढ़ा तो BJP से पूर्व मंत्री देवासी सहित कई ठोक रहे ताल

Rajasthan Assembly Elections 2023: पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने संयम लोढ़ा को टिकट नहीं दिया था, वो निर्दलीय चुनाव जीते. इस बार उनको कांग्रेस टिकट दे सकती है. वहीं बीजेपी से पूर्व मंत्री देवासी और पूर्व जिला प्रमुख पायल परशुराम पूरिया का नाम चर्चा में है.

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सिरोही का सियासी गणित, कांग्रेस से संयम लोढ़ा तो BJP से पूर्व मंत्री देवासी सहित कई ठोक रहे ताल
ओटाराम देवासी, पायल परशुराम पूरिया और संयम लोढ़ा.
SIROHI:

Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. सभी पार्टियां अपना पूरा दमखम लगा रही हैं . देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध सिरोही की मरुभूमि का सिरोही विधानसभा क्षेत्र अपने नये राजनीतिक समीकरण का करवट ले रहा है. 2023 के आंकडों के मुताबिक़ यहां कुल मतदाता की तादाद 303483 है, जिसमें पुरुष मतदाता 157678 और महिला मतदाता 145805 हैं . 

2018 विधानसभा चुनाव में यहां से संयम लोढ़ा ने निर्दलीय जीत हासिल की थी. संयम कांग्रेस में थे, लेकिन टिकट नहीं मिलने के कारण वे निर्दलीय लड़े और चुनाव भी जीते. लोढ़ा ने तत्कालीन राज्यमंत्री रहे बीजेपी के ओटाराम देवासी को 10253 वोटों से मात दी थी. चुनाव के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लोढ़ा को कांग्रेस में लेकर आये और उन्हें अपना सलाहकार भी नियुक्त किया.  

कांग्रेस इस बार संयम लोढ़ा को देगी टिकट!

इस विधानसभा चुनाव में यह लगभग तय हो गया है कि संयम लोढ़ा को कांग्रेस पार्टी टिकट देगी. लेकिन अंत तक कुछ नहीं कहा जा सकता है. क्योंकि पीसीसी सदस्य हरीष परिहार के साथ सिरोही में गांधी दर्शन कार्यक्रम के संयोजक राजेन्द्र सांखला भी दबे जुबान से अपना भाग्य आजमाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है. लेकिन इनमें से संयम लोढ़ा के मुकाबले कोई ठहरता नजर नहीं आ रहा है.  हालांकि चर्चा उस बात की भी है कि संयम लोढ़ा फिर से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं.  

बीजेपी की तरफ़ से कई दावेदार 

बीजेपी की बात की जाए तो, बीजेपी से ओटाराम दवासी यहां से दो बार विधायक रहे हैं . रेबारी समाज से आने वाले ओटाराम देवासी पिछली बार चुनाव हार गये थे. उसके पहले दो बार विधायक रह चुके है. परन्तु इस बार उनका समीकरण कुछ गड़बड़ हो रहा है.

क्योंकि सूत्रों के मुताबिक उन्हें आलाकमान इस बार टिकट नहीं देना चाहती. जबकि टिकट के दावेदारों में तीर्थगिरी महाराज, पूर्व जिला प्रमुख पायल परशुराम पुरिया और पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित के नामों की भी चर्चा है . लेकिन इनमें  पूर्व जिला प्रमुख पायल परशुराम पूरिया पर पार्टी दांव लगा सकती है.

सिरोही विधानसभा क्षेत्र का इतिहास

सन् 1990 और 93 में बीजेपी की तारा भंडारी यहां से विधायक रही हैं.  जबकि 1998, 2003 में संयम लोढ़ा कांग्रेस से विधायक रहे जबकि 2018 में निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बनें. वहीं 2008 व 2013 में ओटाराम देवासी भाजपा से विधायक चुने गये थे. 

ये हैं प्रमुख जातियां

सिरोही शिवगंज विधानसभा क्षेत्र मे ओबीसी वर्ग मे प्रजापत (कुम्हार) , माली , चौधरी , रावणा राजपूत , घांची , सुथार , देवासी समाज शामिल है. वही एससी व एसटी समाज मे मेघवाल , हिरागर , भील , मीणा सहित अन्य जातिया शामिल है . इसके अलावा जनरल वर्ग की बात करे तो राजपूत, राजपुरोहित , रावल व ब्राह्मण वर्ग शामिल है .

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