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बाड़मेर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 1.5 करोड़ की नकबजनी का खुलासा; अरावली की पहाड़ियों में पकड़ी कंजर गैंग

राजस्थान में बाड़मेर पुलिस ने 1.5 करोड़ रुपये की नकबजनी की 10 महीने पुरानी वारदात का खुलासा कर कंजर गैंग के चार अपराधियों को गिरफ्तार किया. इसके लिए पुलिस ने चित्तौड़गढ़ की अरावली पहाड़ियों में डेरा डालकर रही थी. 

बाड़मेर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 1.5 करोड़ की नकबजनी का खुलासा; अरावली की पहाड़ियों में पकड़ी कंजर गैंग
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

Rajasthan News: राजस्थान के बाड़मेर जिले में पुलिस ने 10 महीने पुरानी 1.5 करोड़ रुपये की नकबजनी की वारदात का पर्दाफाश कर एक अंतरराज्यीय चोर गैंग को धर दबोचा. धोरीमन्ना थाना क्षेत्र के शोभाला जेतमाल में 28 अगस्त 2024 को हुई इस वारदात को कंजर गैंग ने अंजाम दिया था. पुलिस ने चित्तौड़गढ़ की अरावली पहाड़ियों में डेरा डालकर गैंग के सरगना सहित चार अपराधियों को गिरफ्तार किया. यह सफलता "ऑपरेशन खुलासा" के तहत मिली, जिससे अन्य वारदातों के खुलने की भी उम्मीद है.

जानें क्या था पूरा मामला 

पिछले साल 28 अगस्त की रात शोभाला जेतमाल के व्यापारी मोहन लाल माहेश्वरी के घर अज्ञात चोरों ने पीछे की खिड़की तोड़कर 113 तोला सोने के गहने, 4.8 किलो चांदी के आभूषण और 3 लाख रुपये नकद चुरा लिए.

बाड़मेर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की. डीएसटी, एमओबी, डॉग स्क्वाड और एफएसएल की टीमों ने सबूत जुटाए. एसपी नरेंद्र सिंह मीणा के निर्देश पर विशेष टीमें गठित की गईं, जिन्हें एएसपी जसाराम बोस और डीएसपी सुखराम विश्नोई ने नेतृत्व प्रदान किया.

पुलिस ने कैसे पकड़ी गैंग

पुलिस को जांच में बाहरी गैंग के शामिल होने का सुराग मिला. इसके बाद राजस्थान और मध्यप्रदेश में सक्रिय चोर गैंगों पर नजर रखी गई. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, टोल नाकों की जानकारी और मुखबिरों के जरिए चित्तौड़गढ़ के बेगू क्षेत्र में गैंग की गतिविधियां पकड़ीं. सनिया उर्फ समीर कंजर और उसके साथी अनिल, रमेश और बसंत कुमार ने यह वारदात की थी. गैंग दिन में ट्रक में रेकी करती और रात में चोरी को अंजाम देती थी.

पहाड़ों में पुलिस का डेरा

बाड़मेर पुलिस ने बेगू की अरावली पहाड़ियों में कई दिनों तक डेरा डाला. स्थानीय वेशभूषा में पुलिसकर्मी गांवों, जंगलों और पहाड़ियों में घूमे. उन्होंने ट्रैक्टर, टेंपो और मोटरसाइकिल का इस्तेमाल कर गैंग के ठिकानों का पता लगाया. पुलिस ने पहाड़ से 5 किमी दूर एक कंट्रोल रूम बनाकर रात में सर्च ऑपरेशन चलाया. रात 3 बजे धावा बोलकर सनिया और अनिल को पकड़ा गया, जबकि रमेश को मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र सीमा पर दबोचा गया.

चुराया माल कहां ले गए चोर

पूछताछ में सनिया ने बताया कि चुराए गए गहने भीलवाड़ा के मांडलगढ़ में बसंत कुमार नामक ज्वैलर को बेचे गए. पुलिस ने ज्वैलर को भी हिरासत में लिया. गैंग के सरगना सनिया के खिलाफ 31, अनिल के खिलाफ 9 और बसंत के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज है.

पुलिस की मेहनत रंग लाई

बाड़मेर पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल 1.5 करोड़ की चोरी का खुलासा किया, बल्कि एक खतरनाक अंतरराज्यीय गैंग को भी बेनकाब किया. एसपी मीणा ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ जारी है, जिससे अन्य चोरियों का खुलासा हो सकता है. यह कार्रवाई बाड़मेर पुलिस की सूझबूझ और मेहनत का शानदार उदाहरण है.

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