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जालोर पुलिस की बड़ी कर्रवाई, 17 लाख की अफीम खेती को किया जब्त; तस्करों ने किराये पर ले रखी थी जमीन

राजस्थान के जालोर जिले में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है और खेत में हो रही 17 लाख की अफीम को जब्त कर लिया है. पुलिस पिछले बहुत समय से अफीम की खेती के खिलाफ अभियान चलाकर कर्रवाई कर रही है. लेकिन ये खेती कम नहीं हो रही है.

जालोर पुलिस की बड़ी कर्रवाई, 17 लाख की अफीम खेती को किया जब्त; तस्करों ने किराये पर ले रखी थी जमीन
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

Rajasthan News: राजस्थान के जालोर जिले में अफीम की अवैध खेती का मामला सामने आया है. बाड़मेर जिले के सिवाना के 2 व्यक्तियों ने खेत किराए पर लेकर अफीम की खेती शुरू कर दी. पुलिस ने जिलेभर के कई कस्बों में पांच बार से अधिक कार्रवाई की है, लेकिन इसके बावजूद अफीम की खेती लगातार जारी है.

जालोर के ऐलाना के गोगामेड गांव में जगदीश उर्फ जगताराम और सकाराम नामक दो व्यक्तियों ने कृषि के लिए खेत किराए पर लिया था, लेकिन उसमें अफीम की खेती कर रहे थे. दोनों गोगामेड के एक खेत में एक एकड़ जमीन पर अफीम की खेती कर रहे थे.

17 लाख रुपये की अफीम जब्त

ऐलाना में गुपचुप तरीके से अफीम की खेती चल रही थी. जालोर पुलिस ने विशेष अभियान 'भौकाल' के तहत कार्रवाई करते हुए अफीम की खेती को जब्त किया. सेंट्रल बोर्ड ऑफ नारकोटिक्स और नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार, इन पौधों से 29 किलो अफीम का दूध और 212 किलो डोडा पोस्त तैयार होता. इस अफीम की खेती की अनुमानित बाजार कीमत 1,77,70,00 रुपये बताई जा रही है.

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पुलिस द्वारा की गई अलग-अलग कर्रवाई

जालोर में अफीम की खेती का पुराना नाता रहा है. जालौर पुलिस द्वारा इस पर कई बार कर्रवाई की गई है. जिसमें 13 मार्च 2019 बागरा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत देवाड़ा गांव में अफीम की खेती पर पुलिस ने दबिश दी थी. यहां 40 हजार पौधे और 150 किलो सूखे और गीले डोडे जब्त किए गए थे.

25 मार्च 2019 सायला में अफीम के पौधे बरामद किए गए थे. 31 मार्च 2020 जसवंतपुरा स्थित वाड़ाभवजी गांव सरहद पर एक खेत में अफीम की खेती करते हुए पुलिस ने 7700 डोडा सहित अफीम के पौधे बरामद किए. मार्च 2020 सांचौर थाना क्षेत्र के काजा का गोलिया में गेहूं की फसल के बीच उगाए गए अफीम के करीब 3017 पौधे जब्त किए गए.

पहले जालोर में होती थी लाइसेंसी दुकानें

जालोर-सांचौर क्षेत्र में अफीम और डोडा की खपत अधिक होने के कारण यहां अफीम की खेती की जाती है. यहां डोडा की वैध लाइसेंसी दुकानें भी हुआ करती थीं, लेकिन नशे के प्रति सख्त नीति के तहत डोडा को नशे के रूप में परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पश्चिमी राजस्थान में, मुख्य रूप से जालोर, बाड़मेर और बालोतरा जिलों में नशे के आदी बड़ी संख्या में हैं. 

पुलिस कर रही मामले की जांच

इन अवैध नशे की जरूरत अक्सर तस्कर पूरी करते हैं. मौसम अनुकूल होने पर जालोर में डोडे की अवैध खेती होती है, जिसके कई मामले सामने आ चुके हैं. ऐलाना गांव में अवैध तरीके से अफीम की खेती की सूचना पर पुलिस टीम ने दबिश दी और अफीम की खेती को जब्त किया. खेत मालिक स्थानीय है, जिसने खेती के लिए यह खेत किसी अन्य को दे रखा था. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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