
Sikar News: राजस्थान के सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ स्थित ऐतिहासिक जानकी वल्लभ मंदिर से 29 साल पहले चोरी हुई भगवान श्रीराम की अष्टधातु की प्रतिमा आखिरकार मंदिर को वापस मिल गई है. जिसके साथ ही भगवान का सालों से चल रहा वनवास भी खत्म हो गया. मामले को लेकर जयपुर के एडीजे कोर्ट में कई सालों से केस चल रहा था. जिसमें आज न्यायाधीश के आदेश के बाद भगवान राम की प्रतिमा मंदिर के पुजारी को सुपुर्द की गई है, जिससे भक्तों में खुशी की लहर .
29 साल पहले मंदिर से हुई भगवान राम की मूर्तियां
19 नवंबर 1995 की रात को जानकी वल्लभ मंदिर से भगवान श्रीराम और माता जानकी की दो बड़ी और दो छोटी अष्टधातु की प्रतिमाएं चोरी हो गई थीं. मंदिर के पुजारी विष्णु कांत महाराज ने बताया कि चोरी घटना के एक साल बाद 1996 में चोर माता जानकी की एक अष्टधातु की प्रतिमा को मंदिर से करीब 500 मीटर दूर एक सुनसान इलाके में फेंककर फरार हो गए थे.
आठ टुकड़ों में बरामद हुई श्रीराम की अष्टधातु की मूर्ति
इसके बाद, 1998 में जयपुर के शास्त्रीनगर थाना पुलिस ने दो चोरों को गिरफ्तार किया, जिनके पास से भगवान श्रीराम की अष्टधातु की विशाल प्रतिमा आठ टुकड़ों में बरामद हुई. यह प्रतिमा तब से शास्त्री नगर थाने के मालखाने में जमा थी.
अष्टधातु की मूर्ति का दुबारा कराया जाएगा निर्माण
पुजारी विष्णु कांत महाराज ने बताया कि 8 मई 2025 को जयपुर के एडीजे कोर्ट संख्या 2 प्रथम के आदेश के बाद आज ( 13 मई) यह मूर्ति उन्हें सौंपी गई है.उन्होंने आगे बताया कि अष्टधातु की इस प्रतिमा का पुनर्निर्माण कराया जाएगा और फिर भव्य आयोजन के साथ इसे ऐतिहासिक जानकी वल्लभ मंदिर में विधि-विधान से स्थापित किया जाएगा.
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