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गजल गायक जगजीत सिंह का श्रीगंगानगर से खास नाता, कॉन्सर्ट की पूरी कमाई राष्ट्रीय कला मंदिर को कर दी दान

जब चित्रा शोम से जगजीत सिंह की मुलाकात हुई तब वो शादीशुदा थीं और एक बेटी मोनिका भी थी. बहुत जल्द ही चित्रा जगजीत सिंह के व्यवहार से प्रभावित हो गईं और दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे. 

गजल गायक जगजीत सिंह का श्रीगंगानगर से खास नाता, कॉन्सर्ट की पूरी कमाई राष्ट्रीय कला मंदिर को कर दी दान
फाइल फोटो

Jagjit Singh Death Anniversary: "प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है, तेरे आने की जब खबर महके" जैसी गजलों से जगजीत सिंह ने भारत में नहीं. बल्कि, विदेशों में भी खूब नाम कमाया. जादुई आवाज से जगजीत सिंह ने दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के दिलो में अपनी जगह बनाई. जब जगजीत सिंह गाते थे तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता था. आज 10 अक्टूबर को गजल सम्राट जगजीत सिंह की पुण्यतिथि है. 10 अक्टूबर 2011 को ही ब्रेन हैमरेज के कारण उनका मुंबई में निधन हो गया था. 

श्रीगंगानगर में पैदा हुए थे जगजीत सिंह

अपनी गायकी से दुनिया भर में नाम कमाने वाले जगजीत सिंह का जन्म 1941 में राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ था. श्रीगंगानगर में सिविल लाइन्स में जिस घर में जगजीत सिंह पले बढ़े, आज वहां एक स्मारक बनाया गया है. उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से उन्होंने संगीत की शिक्षा ली. जगजीत सिंह ने जालंधर के डीएवी कॉलेज से ग्रेजुएशन और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. 

रिकॉर्डिंग स्टूडियो में चित्रा से हुई थी मुलाकात

जगजीत सिंह के दोस्त सुभाष गोगी बताते हैं कि जगजीत सिंह मुंबई भले ही चले गए थे, लेकिन श्रीगंगानगर उनके दिल में हमेशा बसता रहा. उन्होंने राष्ट्रीय कला मंदिर में काफी रियाज किया और जब वे श्रीगंगानगर आये तो एक कॉन्सर्ट में हिस्सा लिया और कॉन्सर्ट की कमाई को उन्होंने राष्ट्रीय कला मंदिर के भवन के लिए डोनेट कर दिया. जगजीत सिंह के बारे में कहा जाता है कि जब चित्रा शोम से उनकी मुलाकात हुई तब वो शादीशुदा थीं और एक बेटी मोनिका भी थी. दोनों एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो में मिले थे.

बेटे की मौत के बाद बुरी तरह टूट गए जगजीत

इसके बाद बहुत जल्द ही चित्रा जगजीत सिंह के व्यवहार से प्रभावित हो गईं और दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे. बाद में चित्रा ने अपने पति देबो प्रसाद से तलाक लेकर जगजीत सिंह से शादी कर ली. दोनों से बाद में एक बेटा भी हुआ. जिसकी 1990 में एक रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. कहा जाता है कि 'चिट्ठी न कोई संदेश' गजल को जगजीत सिंह ने बेटे की याद में गाया था. बेटे की मौत के बाद जगजीत सिंह और उनकी पत्नी बुरी तरह से टूट गए. पति-पत्नी दोनों कई साल तक संगीत से दूर रहे.

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यहां तक उनकी पत्नी चित्रा ने बाद में पूरी तरह से गाना छोड़ दिया था. सितंबर 2011 में जगजीत सिंह को ब्रेन हैमरेज हुआ. इसके बाद कई दिनों तक उनका इलाज चला. हालांकि, 10 अक्टूबर 2011 को निधन हो गया. जगजीत सिंह की गजल गायकी से प्रभावित होकर श्रीगंगानगर के एक निजी स्कूल में एक ऑडिटोरियम का निर्माण किया गया है. इस ऑडिटोरियम में बड़ी संख्या में बच्चे गजल गायकी सीख रहे हैं. 

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