Corona Virus Alert: बीते कुछ दिनों से देश में कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है. इस समय कोरोना से डरावने आंकड़े दक्षिण भारतीय राज्य केरल से सामने आ रहे हैं. जहां 19 दिसंबर को बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 115 नए मामले सामने आए. इससे पहले भी यहां से कोरोना के 100 से अधिक मामले आए थे. पांच लोगों की मौत भी हुई थी. साथ ही केरल में कोरोना के खतरनाक जेएन-1 वैरिएंट के मरीज भी मिले. इससे केरल के साथ-साथ पूरे देश में कोरोना को लेकर चिंता की लकीरें उठने लगी हैं,
19 दिसंबर को जारी हुए आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 के कुल उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,749 हो गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंकड़े जारी कर यह जानकारी दी. केरल के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को कहा कि संक्रमण के मामलों में वृद्धि को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने एक बयान में कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि राज्य वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि नवंबर में भी कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हुई थी और उसके बाद उठाए जाने वाले उपायों की रूपरेखा तैयार करने के लिए मंत्री स्तर की बैठकें आयोजित की गईं.
मंत्री ने सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि संक्रमण के लक्षण दिखाने वाले लोगों की जांच करने और उनके नमूने जीनोमिक अनुक्रमण के लिए भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं. देश में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘जेएन.1' के पहला मामला सामने आने के बाद केंद्र ने राज्यों से आवश्यक कदम उठाने को कहा है.
कोरोना के बढ़ते मामलों से राजस्थान में अलर्ट
इधर केरल में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंगलवार को राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग ने एक समीक्षा बैठक की. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने राजस्थान के चिकित्सा संस्थानों में आने वाले सर्दी और सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों पर निगरानी रखने के निर्देश दिये हैं.
बैठक में निदेशक (जन स्वास्थ्य) डॉ. रवि प्रकाश माथुर, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य रवि प्रकाश शर्मा, राज्य नोडल अधिकारी एवं एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सूक्ष्म जीवविज्ञान (माइक्रोबायोलॉजी) विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे. बैठक में बताया गया कि केरल में पाए गए वायरस वेरिएंट के एक भी मरीज की पहचान राज्य में नहीं की गई है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में इस वैरिएंट का एक भी रोगी सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियातन समस्त चिकित्सा संस्थानों में रोगियों के उपचार हेतु आवश्यक आइसोलेशन बैड, ऑक्सीजन बैड, आईसीयू बैड, वेन्टीलेटर, दवाइयों एवं जांच सुविधा आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
सिंह ने कहा कि संयुक्त निदेशक-जोन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, आईडीएसपी टीम आईएलआई एवं एसएआरआई रोगियों की निगरानी रखे और ऐसे रोगियों की जांच कराई जाए. किसी जिले में कोविड पॉजिटिव रोगी पाये जाने पर उसका सैम्पल जीनोम सिक्वेंसिंग हेतु प्रयोगशाला में भिजवाया जाना सुनिश्चित करें। यह सुविधा जयपुर, जोधपुर एवं कोटा में उपलब्ध है.
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