Mpox Health Emergency: दुनिया के 116 देशों में एमपॉक्स वायरस (Monkeypox) फैल चुका है. धीरे-धीरे यह बीमारी दुनिया के अन्य देशों को भी अपने चपेट में ले रहा है. इसकी खतरनाक रफ्तार को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. इससे पीड़ित शख्स के शरीर पर दाने निकल आते हैं. अफ्रीकन कंट्री कांगो में मंकीपॉक्स ने भयानक कहर बरपा रखी है. यहां 14 हजार से अधिक केस आ चुके हैं, 500 लोगों की मौत हो चुकी है.
एमपॉक्स एक वायरल बीमारी, संपर्क में आने से फैलती है
इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने लोगों को अलर्ट रहने का भी निर्देश दिया है, ताकि आगामी दिनों में स्थिति और खराब न हो जाए. गौरतलब है कि एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो आमतौर पर किसी के संपर्क में आने से फैलती है. अब तक कई लोगों में इस तरह का संक्रमण देखा जा चुका है. यह एक तरह से फ्लू जैसी बीमारी है. इससे शरीर में मवाद से भरे दाने भी होते हैं.
गे और बाइसेक्सुएल पुरुषों को अधिक खतरा
इस बीमारी को ध्यान में रखते हुए डब्लूएचओ ने तीन सालों में दूसरी बार इमरजेंसी की घोषणा की है. इससे पहले, 2022 में भी ऐसा देखने को मिला था. उस समय इस वायरस ने एक या दो नहीं, बल्कि 100 से भी अधिक देशों में अपना कहर दिखाया था. इससे 200 से भी ज्यादा लोगों की मौत उन दिनों हुई थी. यह वायरस मुख्य रूप से गे और बाइसेक्सुअल पुरुषों को प्रभावित करता है.
LIVE: Media briefing with @DrTedros on outcome of the #mpox Emergency Committee meeting https://t.co/oghcXCgqcl
— World Health Organization (WHO) (@WHO) August 14, 2024
कांगो में 14 हजार से अधिक केस, 500 लोगों की मौत
कांगो में अब तक 14 हजार से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इसमें से 500 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है. चिंता की बात यह है कि 15 साल से कम उम्र की लड़कियां भी इस वायरस का शिकार हो रही है, इसे ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपातकाल की घोषणा करने का फैसला किया है, ताकि स्थिति को और खराब होने से रोका जा सके.
एमपॉक्स के क्या है लक्षण
इस वायरस को लेकर लोगों को सतर्क करते हुए डॉ. ईश्वर गिलाडा कहते हैं, “एमपॉक्स से बुखार, चकत्ते, लिम्फ नोड का बढ़ना हो सकता है और कुछ लोगों को संक्रमण हो सकता है. बूंदों के माध्यम से फैलने की संभावना बहुत कम है. वैक्सीन उत्पादन में भारत की ताकत का सकारात्मक उपयोग किया जाना चाहिए.”
1958 में बंदरों में हुई थी पहचान
एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है. अब तक कई देशों में यह वायरस अपना कहर दिखा चुका है. यह ऑर्थोपॉक्स वायरस जींस से संबंधित बीमारी होती है. इस बीमारी की पहचान सबसे पहले 1958 में बंदरों में हुई थी. इसके बाद यह इंसानों में फैलती चली गई.
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