Mumbai: अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम दाणी ने नए दौर के भारत में शिक्षा पर अपने विचार साझा किए हैं. अपने विचारों के जरिए उन्होंने स्कूलों में तैयार हो रही देश की भावी पीढ़ी को सफलता के मूलमंत्र दिए हैं. जिसमें उन्होंने कहा कि सफलता व्यक्तिगत नहीं होती. यह तभी अच्छी लगती है जब आप इसके जरिए पूरी दुनिया को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं. क्योंकि आज दुनिया तेजी से बदल रही है, इसलिए उसी के हिसाब से तरक्की के रास्ते तलाशने चाहिए. शिक्षक आपको सिर्फ परीक्षा के लिए ही तैयार नहीं करते बल्कि वे आपको जिंदगी के लिए भी तैयार करते हैं.
हर दिन देखते रहे सपने
उन्होंने आगे बताया कि साधारण प्रतिभा वाले व्यक्ति और अत्यधिक प्रतिभाशाली व्यक्ति में केवल एक ही अंतर होता है और वह है व्यक्ति का लचीलापन, जिसके कारण वह हर कठिन परिस्थिति को आसानी से पार कर लेता है. उन्होंने आगे बताया कि जब उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की थी उस समय उनके पास न तो कोई रोडमैप था, न ही कोई कनेक्शन और न ही कोई संसाधन. उनके पास केवल कुछ नया बनाने के सपने थे. जिसने उनके आत्मविश्वास को और मजबूत किया. और वह हर दिन इसके लिए सपने देखते थे. और जब आज जीवन के इस पड़ाव पर पहुंचते हैं, तो वे पीछे मुड़कर देखते हैं और महसूस करते हैं कि यह सिर्फ मुकाम सिर्फ अमीर बनने से हासिल नहीं हुआ था बल्कि उसके लिए की गई कड़ी मेहनत का परिणाम है जिसके लिए उन्होंने बिना रुके लगातार काम किया.
🔴 Watch LIVE : अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी छात्रों को दे रहे हैं संदेश
— NDTV India (@ndtvindia) January 20, 2025
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कुछ अलग करने की कोशिश करते रहे
इसके साथ उन्होंने आगे कहा कि आज की तेजी से बदलती दुनिया में आपकी भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. सपने देखते रहें. छोटी-छोटी महत्वाकांक्षाओं तक सीमित न रहें. अपनी परिस्थिति को चुनौती दें और ऐसे समाधान खोजें जो दूसरों को असंभव लगते हों. साथ ही लगातार कुछ सीखते रहें. भविष्य अब अधिक प्रतिभाशाली लोगों का नहीं है. यह उन लोगों का है जो सीखने के लिए तैयार हैं. कुछ अलग करने की कोशिश करें. सफलता तब अधिक संतुष्टिदायक होती है जब यह दूसरों को ऊपर उठाती है. मेरा मानना है कि यही सबसे बड़ी गुरु दक्षिणा है.