Prayagraj Mahakumbh 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होगा. इस बार यह तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:14 बजे से शरू होगी. 3 फरवरी को सुबह से 6:52 बजे खत्म होगी. उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए, वसंत पंचमी का व्रत और पूजन 2 फरवरी को होगा. महाकुंभ प्रयाराज में तीसरा अमृत स्नान 3 फरवरी होगा. चौथ महास्नान माघ पूर्णिम 12 फरवरी को होगा. आखिरी स्नान महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को होगा.
वसंत पंचमी पर अमृत स्नान का महत्व
वसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को समर्पित होता है. अमृत स्नान से मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है. सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है. वसंत पंचमी पर पर मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से विद्या, संगीत और कला के क्षेत्र में अद्भुत सफलता प्राप्त होती है.
वसंत पंचमी पर विशेष तैयारी
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर उमड़ी भीड़ को देखते हुए नगर निगम ने वसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा पर्व पर स्नान के लिए तैयारी शुरू कर दी है. दोनों स्नान पर्वों पर नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग ने शुक्रवार शाम नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की. नगर आयुक्त ने सभी अधिकारियों को दोनों स्नान पर्वो के लिए अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए. दोनों स्नान पर्वों पर आने वाली संभावित भीड़ को देखते हुए नगर आयुक्त ने बैठक में होल्डिंग एरिया और टॉयलेट बढ़ाने के निर्देश दिया है.
श्रद्धालुओं को सभी घाटों पर स्नान के लिए करें प्रेरित
निर्देश दिया गया कि जिस सेक्टर में साइनेज की कमी है, उसका आकलन करके तुरंत लगवा लें. श्रद्धालुओं को सभी घाटों पर स्नान के लिए प्रेरित करें. किसी भी एक घाट पर अधिक दबाव ना आने पाए. राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने अफसरों को देर तक समझाया कि कैसे और क्या करना है. कार्यशाला में एडीजी जोन भानु भास्कर, पुलिस आयुक्त तरुण गाबा, पुलिस महानिरीक्षक प्रेम गौतम, मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, एमडी यूपीएसआरटीसी मासूम अली सर्वर मौजूद रहे.
आज से ही वसंत पचंमी पर स्नान शुरू हो जाएगा
2 फरवरी से ही वसंत पचंमी पर स्नान शुरू हो जाएगा. अधिकारियों ने 1 फरवरी से ही भारी संख्या में श्रद्धालु के आने की तैयारी में लगे रहे. जिन मार्गों पर भीड़ अत्यधिक होने की संभावना है या पूर्व स्नान पर्वों में अत्यधिक भीड़ थी उनका आकलन कर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित कराएं. वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि शासन की मंशा के श्रद्धालुओं से सदव्यवहार करें. कोई माहौल बिगाड़ने की कोशिश करता है तो उससे सख्ती से निपटें.
यह भी पढ़ें: मां सरस्वती की पूजा का ये है शुभ मुहूर्त, इन मंत्रों से बनी रहेगी मां की कृपा