NDTV Opinion Poll MP Assembly Elections 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए सियासी बिसात बिछ चुकी है. प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है. लेकिन आप, बसपा सहित अन्य छोटी पार्टियां मुकाबले में है. राज्य की सभी 230 सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होना है. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी. इससे पहले एनडीटीवी ने सीएसडीएस के साथ एमपी के वोटरों की नब्ज टटोली है. NDTV के ओपिनियन पोल के मुताबिक, 63 प्रतिशत जनता का मानना है कि भ्रष्टाचार से लड़ने में शिवराज सरकार का काम अच्छा रहा है. इसे अच्छा आंकड़ा कहा जा सकता है. राज्य की अधिकतर जनता ये मानती है कि शिवराज सरकार ने सड़क, बिजली, पानी, सरकारी अस्पताल, कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा जैसे अहम मुद्दे पर शानदार काम किया है.
61 फ़ीसदी मतदाता हैं शिवराज सरकार से संतुष्ट
एनडीटीवी के सर्वे में हमारा सवाल था कि मध्यप्रदेश की जनता शिवराज सरकार के कामकाज से कितनी संतुष्ट है? इसका जवाब में शिवराज सरकार से पूरी तरह संतुष्ट लोगों की संख्या 27 फीसदी है. जबकि कुछ हद तक संतुष्ट लोगों की संख्या 34 फीसदी है. कुछ हद तक असंतुष्ट लोगों की संख्या 16 फीसदी है. वहीं असंतुष्ट लोगों की संख्या 18 फीसदी है. ऐसे में 61 फ़ीसदी मतदाताओं को मोटे तौर पर शिवराज सरकार से कोई शिकायत नहीं है.
केंद्र सरकार से संतुष्ट मतदाता भी बहुत ज़्यादा
सर्वे का दूसरा सवाल केंद्र की मोदी सरकार से जुड़ा था. लोगों से पूछा गया था कि केंद्र सरकार के कामकाज से आप कितना संतुष्ट हैं? तो राज्य की केवल 34 फ़ीसदी लोग ही नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट हैं, और कुछ हद तक संतुष्ट उत्तरदाताओं की तादाद 31 फ़ीसदी रही.
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— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) November 4, 2023
एक दिन पहले राजस्थान के सर्वे में यह सामने आया था कि राजस्थान के 65 फ़ीसदी मतदाताओं को नरेंद्र मोदी सरकार से कोई शिकायत नहीं है. इसके विपरीत, मोदी सरकार से कुछ हद तक असंतुष्ट जनता का प्रतिशत 16 रहा, और पूरी तरह असंतुष्ट जनता सिर्फ़ 13 फ़ीसदी रही.
मौजूदा कार्यकाल में शिवराज को ज्यादा नंबर
मौजूदा कार्यकाल में मध्यप्रदेश में 2018-2020 तक कमलनाथ की सरकार रही और उसके बाद 2020-2023 तक शिवराज की. लिहाजा हमने सर्वे में लोगों से दोनों को लेकर सवाल पूछे थे. जिसमें कमलनाथ की सरकार से संतुष्ट लोगों को प्रतिशत 34 फीसदी रहा तो शिवराज सरकार से संतुष्ट लोगों का प्रतिशत 36 रहा. दिलचस्प है कि दोनों से संतुष्ट लोगों की संख्या 13 और असंतुष्ट लोगों का आंकड़ा 11 फीसदी रहा.
भ्रष्टाचार रोकने के मोर्चे पर मोदी-शिवराज को अच्छे नंबर
जनता से यह भी पूछा गया था कि भ्रष्टाचार से लड़ने में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार का काम कैसा रहा. केन्द्र सरकार के कामकाज पर बहुत अच्छा कहने वालों की संख्या 34 फीसदी और अच्छा कहने वालों की संख्या 33 फीसदी है. यानी मोटे तौर पर 67 फीसदी जनता भ्रष्टाचार से लड़ने में केन्द्र सरकार के काम को सफल मान रही है.
राज्य सरकार के मामले में भ्रष्टाचार के खिलाफ शिवराज सरकार के काम से 24 फीसदी लोगों ने बहुत अच्छा बताया. अच्छा कहने वालों की संख्या 39 फीसदी है. यहां भी मोटे तौर पर देखें तो 63 फीसदी जनता शिवराज सरकार को सफल मान रही है. हालांकि इस मोर्चे पर केन्द्र सरकार के काम को 16 फीसदी जनता खराब तो एमपी सरकार के काम को 18 फीसदी खराब मान रही है.
मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा क्या? इस सवाल पर 27 फीसदी लोगों ने महंगाई और बेरोजगारी को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बताया. वहीं 13 फीसदी लोगों ने गरीबी को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बताया. विकास की कमी को 8 फीसदी और भ्रष्टाचार को 5 फीसदी लोगों ने सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बताया. वहीं अन्य के पक्ष में 20 फीसदी लोग थे.
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