
उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में 100 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुए दुनिया के सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उद्घाटन कर दिया है. इसके बाद उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ उस केंद्र का दौरा किया, जिसमें मेडिटेशन के लिए एक समय में 20,000 लोग बैठ सकते हैं. 7 मंजिला स्वर्वेद महामंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के छंद उकेरे गए हैं.
#WATCH | PM Modi inaugurates the newly built Swarved Mahamandir in Umaraha, Varanasi
— ANI (@ANI) December 18, 2023
Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath also present pic.twitter.com/ISNPEBJAt1
पीएम मोदी ने कहा, 'देश ने गुलाम मानसिकता से आजादी की घोषणा कर दी है और अपनी विरासत पर गर्व महसूस कर रहा है. गुलामी के दौर में भारत को कमजोर करने का प्रयास करने वाले अत्याचारियों ने सबसे पहले हमारे प्रतीकों को निशाना बनाया. आजादी के बाद इन सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनर्निर्माण जरूरी था. भारत को आजादी मिलने के बाद, सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का विरोध हुआ और यह विचार प्रक्रिया दशकों तक हावी रही.
इसका परिणाम यह हुआ कि देश हीन भावना के गर्त में चला गया और अपनी विरासत पर गर्व करना भूल गया. आजादी के सात दशक बाद समय का पहिया एक बार फिर घूम गया है. देश ने लाल किले से गुलाम मानसिकता से आजादी और अपनी विरासत पर गर्व की घोषणा की है. सोमनाथ से शुरू हुआ काम अब एक अभियान बन गया है. आज विश्वनाथ की महिमा भारत की महिमा की गाथा गा रही है. भारत सदियों से आर्थिक समृद्धि और भौतिक विकास का उदाहरण रहा है. सरकार, समाज और संत काशी के कायाकल्प के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.'
स्वर्वेद महामंदिर की कुछ विशेषताएं
• विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र.
• मकराना संगमरमर पर 3137 स्वर्वेद छंद उत्कीर्ण.
• 20,000 से अधिक लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते हैं.
• 125 पंखुड़ी वाला कमल गुंबद.
• सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज के जीवन पर यांत्रिकी प्रस्तुति.
• इसमें सामाजिक कुरीतियों और सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन शामिल है.
• ग्रामीण भारत की भलाई के लिए अनेक सामाजिक-सांस्कृतिक परियोजनाओं का केंद्र.
• आध्यात्मिकता के शिखर से प्रेरित- स्वर्वेद
• भारतीय विरासत की झलक दर्शाती जटिल नक्काशीदार बलुआ पत्थर की संरचनाएँ.
• मंदिर की दीवारों के चारों ओर गुलाबी बलुआ पत्थर की सजावट.
• औषधीय जड़ी-बूटियों वाला उत्तम उद्यान.