Rajasthan News: शेखावाटी का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल आज 76 साल का हो चुका है. श्री कल्याण अस्पताल (S. K. Hospital) का आज ही के दिन 10 अगस्त 1948 को जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह (Sawai Mansingh) ने चांदी की चाबी से ताला खोलकर जनता को समर्पित किया था. अस्पताल निर्माण में 5 साल 5 महीने और 4 दिन का समय लगा था. श्री कल्याण अस्पताल के भवन निर्माण के लिए ट्रेन के जरिए बाहर से पत्थर और पट्टियां सीकर मंगाई गई थीं. उस समय अस्पताल निर्माण के लिए राजकोष से 2 लाख 70 रुपये का खर्चा हुआ था. इसके साथ ही सीकर के सेठ साहूकारों ने भी निर्माण कार्य के लिए अपनी ओर से चंदा दिया था. देश की आजादी के समय में बने श्री कल्याण अस्पताल के निर्माण के कई रोचक और दिलचस्प किस्से हैं.
सीकर के राजा कल्याण सिंह ने रखा था प्रस्ताव
इतिहासकार महावीर पुरोहित के अनुसार सीकर में प्रथम एलोपैथिक चिकित्सालय ट्रेवर हॉस्पिटल था, जिसका शिलान्यास राजपूताने के गवर्नर के. सहायक ट्रेवर ने 15 जनवरी 1892 ई. को मकर संक्रांति के दिन सीकर के राव राजा माधवसिंह के शासनकाल में दूजोद नए दरवाजे के पास किया गया था. इसके बाद जयपुर के प्रधानमंत्री सर मिर्जा इस्माइल (Sir Mirza Muhammad Ismail) सीकर के तत्कालीन राव राजा कल्याण सिंह (Rao Raja Kalyan Singh Bahadur) के निरस्त अधिकारों की बहाली के लिए सीकर आए थे. उस समय सीकर के विशिष्ट लोगों ने उन्हें सम्मान स्वरूप श्री महल (राणी महल) में अभिनंदन पत्र भेंट किया और उनके सामने यह प्रस्ताव रखा कि जयपुर में वर्ष 1936 में विशाल सवाई मानसिंह अस्पताल बन चुका है. सीकर भी जयपुर के बाद रियासत का सबसे बड़ा नगर है. इसलिए यहां भी जयपुर की तरह ही हॉस्पिटल बनना चाहिए.
सर मिर्जा इस्माइल ने किया था शिलान्यास
प्रस्ताव के कुछ दिनों बाद सीकर के राव राजा कल्याण सिंह दिल्ली गए हुए थे. उसी समय जब वह सीकर हाउस में रुके हुए थे तो उन्हें अर्जेंट अस्पताल भवन बनाने की स्वीकृति का तार (सूचना) भेजा गया. जिस पर राव राजा वापस सीकर पहुंचे. उसके बाद श्री कल्याण (एसके) अस्पताल भवन की संगे बुनियाद (शिलान्यास) 6 मार्च 1943 को जयपुर के तत्कालीन प्रधानमंत्री सर मिर्जा इस्माइल ने रखी. अस्पताल के भवन का निर्माण कार्य 5 वर्ष 5 माह और 4 दिन में पूरा हुआ था. इसके बाद दूजोद नए दरवाजे के पास संचालित ट्रैवर हॉस्पिटल यहां आ गया. अस्पताल के भवन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद आज ही के दिन 10 अगस्त 1948 को जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह ने चांदी की चाबी से मुख्य भवन का ताला खोलकर हॉस्पिटल का लोकार्पण कर सीकर की जनता को समर्पित किया था. उसे समय का अंकित शिलालेख आज भी एसके अस्पताल के मुख्य द्वार के बाईं ओर लगा हुआ है. हालांकि शिलालेख के कुछ अक्षर मिट चुके हैं फिर भी उसे पढ़ा जा सकता है.
समय-समय पर अस्पताल में हुए परिवर्तन
इतिहासकार पुरोहित बताते हैं कि एसके अस्पताल में सबसे पहले डीएमएचओ डॉ. केडी शर्मा और चिकित्सक के रूप में डॉ. जयशंकर लुहानी को लगाया गया था. आजादी के समय बने इस अस्पताल में समय-समय पर कई परिवर्तन आए. कई नई बिडिंग बनी और लगातार स्टाफ सहित चिकित्सा सुविधाओं में भी इजाफा हुआ. आज सीकर का श्री कल्याण (एसके) अस्पताल शेखावाटी क्षेत्र का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जहां नई टेक्नोलॉजी की मशीने और बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध है. सीकर विकास मंच और वरिष्ठ नागरिक परिषद की ओर से एसके अस्पताल का स्थापना दिवस से हर बार से मनाया जाता है.
कारीगर को 50 पैसे और मिस्त्री को 1 रुपये
आजादी के समय बने एसके अस्पताल का निर्माण कार्य 5 साल 5 माह और 4 दिन चला था. उस समय अस्पताल में मजदूरी करने वाले मजदूरों को 50 पैसे और मिस्त्री (कारीगर) को 1 रुपये प्रतिदिन दिया जाता था. श्री कल्याण अस्पताल बनाने के लिए सीकर के राजकोष से 2 लाख 70 हजार रुपए का खर्चा हुआ था. इसके अलावा भी सीकर के सेठ साहूकारों ने अपनी ओर से अस्पताल के निर्माण में चंदा दिया था. श्री कल्याण अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा होने पर 10 अगस्त 1948 को जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह जब अस्पताल का लोकार्पण करने सीकर पहुंचे तो उनका सीकर की जनता ने भव्य स्वागत किया. महाराजा सवाई मानसिंह ने अस्पताल के मुख्य द्वार पर लगे ताले को चांदी की चाबी से खोलकर जनता को समर्पित किया. हालांकि एसके अस्पताल का राज्य सरकार ने जुलाई 1954 में विधिवत शुभारंभ किया था.
आज शेखावाटी का सबसे बड़ा सरकारी चिकित्सालय
सीकर का श्री कल्याण (एसके) राजकीय चिकित्सालय शेखावाटी क्षेत्र का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. एसके अस्पताल में प्रतिदिन आउटडोर मरीजों की संख्या हजारों में है तो वहीं अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज को भी भर्ती कर उपचार किया जाता है. एसके अस्पताल की बेहतर चिकित्सा सुविधा के चलते ही सीकर के अलावा चूरू, झुंझुनू, नागौर, नीमकाथाना सहित आसपास के अन्य जिलों के मरीज यहां चिकित्सा सुविधाओं का लाभ लेने के लिए आते हैं. अस्पताल में समय के साथ-साथ लगातार परिवर्तन भी होता जा रहा है. सीकर को सरकारी मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलने के बाद तो अब लगातार चिकित्सा सुविधाओं में इजाफा हो रहा है और चिकित्सकों के डिपार्टमेंट के अनुसार नई-नई बिल्डिंगों का निर्माण भी किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें:- 31 साल पहले हुई हत्या, कैसे बनी 'मीणा हाईकोर्ट' के बनने की वजह? आदिवासी दिवस पर इकट्ठा होते हैं हजारों लोग