
Health News: च्यवनप्राश को आयुर्वेद की प्राचीन और विश्वसनीय औषधि माना जाता है. हजारों वर्षों से भारतीय घरों में इसका सेवन किया जा रहा है. यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाने में कारगर है. इसे स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती का पर्याय माना गया है.
स्वास्थ्य को बनाए रखता है च्यवनप्राश
च्यवनप्राश में विटामिन, प्रोटीन, आहार फाइबर, ऊर्जा सामग्री और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व होते हैं. यह कम वसा, नो-ट्रांस फैट और शून्य कोलेस्ट्रॉल का स्रोत है. प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे श्वसन रोगों, खांसी, अस्थमा और कमजोर टिश्यूज को पोषण देने वाला बताया गया है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार
च्यवनप्राश का नियमित सेवन बुद्धि, याददाश्त और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. साथ ही यह तीन दोषों- वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में मदद करता है. इसे एंटी-एजिंग टॉनिक भी माना जाता है जो जीवन शक्ति को बढ़ावा देता है.
खांसी और अस्थमा में राहत
च्यवनप्राश में मौजूद जड़ी-बूटियां फेफड़ों को मजबूत बनाती हैं. यह सीने में जमे कफ को तेजी से खत्म करने और सांस से जुड़ी समस्याओं में राहत देने में मददगार है.
थकावट और ऊर्जा के लिए लाभदायक
दिन भर होने वाली थकावट को दूर करने में च्यवनप्राश फायदेमंद है. इसका सेवन एनर्जी लेवल को बनाए रखने और शरीर को अंदर से मजबूत करने में सहायक है. यह कमजोर और बीमार शरीर को जल्दी उबरने में मदद करता है.
ऋषि च्यवन की देन
यह शक्तिशाली मिश्रण ऋषि च्यवन ने तैयार किया था. इसे आयुर्वेद में रसायन की श्रेणी में रखा गया है. जड़ी-बूटियों और मसालों से भरपूर च्यवनप्राश को शरीर और मन दोनों के लिए लाभकारी माना गया है.
कैसे करें सेवन
आमतौर पर च्यवनप्राश का सेवन सुबह दूध के साथ किया जाता है. इसके नियमित उपयोग से शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त बना रहता है. हालांकि, इसे चिकित्सक की सलाह के अनुसार लेना बेहतर होता है. च्यवनप्राश आज भी भारतीय परंपरा का अहम हिस्सा है. इसके गुण और फायदे इसे सेहत के लिए रामबाण बनाते हैं.
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