
Vice president election result 2025: देश के नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रही थी. जिसके बाद आज यानी मंगलवार(9 सितंबर) को वोटिंग जारी है. जिसके लिए ससंद भवन ने मतदान पड़ने शुरु हो गए. जिसमें दोनों सदनों के सदस्य वोट डालने के लिए पहुंचे है. इस कड़ी में सबसे पहले पीएम नरेन्द्र मोदी ने वोट किया.
10 बजे शुरू हुआ मतदान
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान सुबह 10 बजे शुरू हुए जो शाम पांच बजे तक चलेंगे. जिसके बाद मंगलवार देर शाम को नतीजे घोषित होने की उम्मीद है. एनडीए और विपक्षी दलों की तरफ से कई दिन पहले ही अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया गया था. जिसमें सी. पी. राधाकृष्णन, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार हैं जिनका सीधा मुकाबला विपक्ष के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी से है. मतदान संसद भवन के कमरा संख्या एफ-101, वसुधा में डाला जा रहा है.
दक्षिण भारत से है दोनों उम्मीदवार
इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं. राधाकृष्णन तमिलनाडु से जबकि रेड्डी तेलंगाना से हैं. संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनका कार्यकाल दो साल बचा हुआ था. इनके इस्तीफे के कारण यह चुनाव हो रहा है.
उम्मीदवार को जीत के लिए चाहिए होते 391 बहुमत
मतदान प्रक्रिया सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगी. इसके बाद, वोटों की गिनती शाम 6 बजे शुरू होगी और देर शाम तक परिणाम घोषित होने की उम्मीद है. वोटों की गिनती के बाद 391 बहुमत वोट हासिल करने वाले उम्मीदवार की जीत होगी. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनडीए उम्मीदवार का पलड़ा भारी है, क्योंकि दोनों सदनों की संयुक्त संख्या में उनके पास बहुमत है. हालांकि, विपक्ष के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी ने इसे वैचारिक लड़ाई बताया है.
आंकड़ों का खेल
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में राज्यसभा और लोकसभा दोनों के सदस्य शामिल होते हैं. इसमें राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य और 12 मनोनीत सदस्य, और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य शामिल हैं, यानी कुल 788 सदस्य। इनमें से 391 वोट पाने वाला उम्मीदवार जीत जाएगा.
सत्ताधारी दल के समर्थन पर टिकी निगाहें
चुनावी रणनीतिकारों और विश्लेषकों का मानना है कि सत्ताधारी दल जिस उम्मीदवार का समर्थन करता है, वही इस पद के लिए चुना जाता है. हालांकि, सबकी नजर संभावित क्रॉस-वोटिंग पर भी टिकी है. चुनाव की निष्पक्षता और प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, राम मोहन नायडू और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे को आधिकारिक एजेंट नियुक्त किया गया है.
क्यों हो रहा है यह चुनाव?
उपराष्ट्रपति का पद जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के कारण खाली हुआ था. उन्होंने संसद के हालिया मानसून सत्र के पहले दिन 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनका कार्यकाल अभी दो साल बाकी था. उनके इस्तीफे से उच्च सदन में नेतृत्व का अभाव हो गया था, जिसके चलते यह चुनाव कराया जा रहा है.
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