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अस्पताल की लापरवाही से 5 महीने के मासूम की मौत, हालत गंभीर होने पर भी नहीं मिल सका ऑक्सीजन   

बूंदी के अस्पताल में बड़ी लापरवाही के चलते 5 महीने के मासूम की मौत हो गई. मासूम की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया. 

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अस्पताल की लापरवाही से 5 महीने के मासूम की मौत, हालत गंभीर होने पर भी नहीं मिल सका ऑक्सीजन   
बूंदी में अस्पताल के बाहर धरना देते युवाओं की तस्वीर

Bundi child's Death due to lack of Oxygen: बूंदी के देई कस्बे में स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे 5 महीने के बच्चे की मौत हो गई. इसको लेकर भारी आक्रोश देखा गया. आक्रोशित युवाओं ने अस्पताल के मेन गेट पर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और अस्पताल में धरने पर बैठ गएं. प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि अस्पताल मे 2 घंटे तक बिजली नहीं होने से बच्चे को ऑक्सीजन नहीं मिली. मौत के बाद परिजनों की सूचना पर लोगों की भीड़ जमा हो गई.

बच्चे को सांस लेने में हो रही थी दिक्कत

सूचना पर मौके पर पहुंचे सीएमएचओ ओपी सामर को युवाओं ने जमकर खरी खोटी सुनाई. सूचना पर नैनवां ब्लॉक सीएमएचओ एलपी नागर, देई नायब तहसीलदार रामदेव्र खरेड़िया, थानाधिकारी युद्धवीर सिंह मौके पर पहुंचें. मृतक की मां छोटी बाई ने बताया की बच्चे की तबियत खराब होने पर सामुदायिक अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर महिला चिकित्सक को दिखाया. बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. लेकिन अस्पताल में बिजली बंद होने से अंधेरा हो रहा था. जब इमरजेंसी जनरेटर चलाने के लिए बोला तो स्टाफ ने बताया कि जेनरेटर में तेल नहीं है. बच्चे को ऑक्सीजन की जरूरत थी और उसकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी.

ऑक्सीजन न मिलने के चलते मासूम की मौत

प्रदर्शनकारी युवक रमेश ने बताया की जेनरेटर न चलने के कारण ऑक्सीजन नहीं लगाया जा सका, जिसके चलते पांच महीने की एक मासूम की मौत हो गई. मृतक के पिता ने बताया कि अपने बेटे को लेकर देई सीएचसी अस्पताल पहुंचा, जहां पर महिला चिकित्सक को दिखाया. लेकिन, अस्पताल में जेनरेटर न चलने के कारण ऑक्सीजन नहीं लगाया जा सका, जिससे उसकी मौत हो गई. करीब दो घंटे तक अस्पताल की बिजली गुल रही. मासूम की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया.

इस बारे में सीएमएचओ ओपी सामर ने बताया जेनरेटर में डीजल नहीं था, डीजल डलवा दिया. जब अस्पताल प्रशासन से लापरवाही के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने कहा कि मामले में नोटिस देकर जवाब मांगा गया है जैसी भी कार्रवाई होगी की जाएगी.

कई मुद्दों को लेकर रखी अपनी मांग

युवाओं ने अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को बदलने, महिला नर्सिग स्टॉफ को बदलने, चिकित्सालय की व्यवस्थाओं मे सुधार करने, बालक की मौत पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को निलम्बित करने, चिकित्साकर्मियों के खिलाफ कार्रवाही करने, रिक्त पदों को भरने, कुछ दिन पहले अस्पताल में प्रसव के दौरान महिला की मौत की जांच, रात्रि के समय चिकित्सकों को नहीं आने, कमरे पर रूपये लेने, सूचना पट्ट से चिकित्सकों के मोबाइल नम्बर हटाने, लैब मे निजी जांच के लिए रूपये मांगने सहित कई मुद्दों के समाधान की मांग रखी. 

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