विज्ञापन

ACB Action: मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ 2502 पन्नों की चार्जशीट पेश, पढ़ें शिकायकर्ता और दलाल के बीच क्या हुई थी बातचीत?

Mayor Munesh Gurjar Bribe Case: जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ एसीबी ने गुरुवार को चार्जशीट पेश कर दी. इस चार्जशीट में कई अहम बातों का जिक्र किया गया है. पढ़ें चार्जशीट की बड़ी बातें.

ACB Action: मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ 2502 पन्नों की चार्जशीट पेश, पढ़ें शिकायकर्ता और दलाल के बीच क्या हुई थी बातचीत?
ACB Chargesheet: पट्टे के बदले भ्रष्टाचार मामले में गुरुवार को एसीबी ने मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ चार्जशीट पेश की है.

Mayor Munesh Gurjar Bribe Case: भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी जयपुर हेरिटेज नगर निगम (Jaipur Heritage Municipal Corporation) की मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ गुरुवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने चार्जशीट पेश कर दी है. कोर्ट में पेश एसीबी की चार्जशीट में हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर, उनके पति सुशील गुर्जर, संविदा कर्मी दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे का जिक्र है. 2502 पन्ने की चार्जशीट में कई अहम बातें हैं. मामले में एसीबी ने 52 गवाह बनाए हैं, साथ ही 85 अभिलेखीय साक्ष्य भी दर्शाए हैं. 

एसीबी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि जो पट्टे सालों से लंबित थे, वे मेयर के पति सुशील गुर्जर तक पैसे पहुंचने के साथ जारी हो जाते थे. 

डेढ़ साल तक घूमती रही फाइल, घूस देते ही मिला पट्टा

इसका उदाहरण एसीबी ने सिविल लाइंस में पट्टा लेने वाले राजीव शर्मा के जरिए दिया है. एसीबी ने चार्जशीट में बताया कि राजीव शर्मा ने सिविल लाइंस में पट्टा लेने के लिए 2 दिसंबर 2022 को आवेदन किया था. डेढ़ साल तक उनकी फाइल घूमती रही लेकिन पट्टा नहीं मिला. 17 जुलाई को राजीव शर्मा को पट्टा दिलाने के लिए सुशील गुर्जर के पास 50 हजार की राशि पहुंची. इसी दिन फाइल मेयर कार्यालय में पहुंच गई और 19 जुलाई को राजीव को पट्टा मिल गया. 

सतीश के पट्टे की फाइल एक साल तक घूमती रही

वहीं बनी पार्क निवासी सतीश चंद्र भार्गव के बारे में चार्जशीट में लिखा गया कि सतीश टैगोर पथ स्थित अपने प्लॉट का पट्टा लेना चाहते थे. 17 अगस्त 2022 को आवेदन किया था लेकिन करीब 1 साल तक फाइल घूमती रही. 

शिकायतकर्ता सुधांशु से दलाल ने मांगे 2 लाख

मामले के शिकायतकर्ता सुधांशु ने 24 जुलाई को जब सतीश के पट्टे की बात दलाल अनिल दूबे से की तो उसने व्हाट्सएप पर 2 लिखकर भेजा. यानी दो लाख मांगे. 25 जुलाई को मेयर के पति ने एक लाख रुपए लिए. 27 जुलाई को फाइल मेयर के कार्यालय पहुंची और 1 अगस्त को सतीश भार्गव को पट्टा मिल गया. 

हालांकि सुधांशु से सिर्फ एक लाख रुपए मिलने पर अनिल दूबे खुश नहीं था. उसे दो लाख की उम्मीद थी. इस वजह से उसने सुधांशु से बहस भी की थी. 

शिकायतकर्ता सुधांशु और दलाल अनिल के बीच बातचीत का छोटा सा हिस्सा

सुधांशु - ये लाख रुपए...
अनिल - डेढ़ लाख की बात हुई थी.

सुधांशु - नहीं.
अनिल - बकवास मत कर. दस बार फोन पर बात हुई थी. 

सुधांशु - एक ही बात हुई थी. 
अनिल - मैंने कहा था, आधा और बढ़ा.

सुधांशु - आधा कहां से बढ़ाऊं गुरु जी.
अनिल - चल, इस बार तो तू एक ही दे, अगली बार ठोक बजाकर बात करेंगे. 

दिलीप, आशुतोष और श्रवण के पट्टे की पत्रावली भी मिली

इसके बाद सुधांशु और मेयर के पति सुशील गुर्जर ने दिलीप सिंह, आशुतोष भटनागर और श्रवण कुमार के पट्टे के बदले 2 लाख रुपए मांगे थे. एसीबी के ट्रैप के दौरान जो छह पत्रावलियां मेयर के घर से बरामद हुई थीं. उनमें से तीन यही थीं. जिनके एवज में घूस ली गई थी. और ये मेयर के आवास पर आगे की कार्रवाई के लिए रखे गए थे.

दूसरे के नाम से लिया गया सिम यूज करती थीं मेयर

चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र है कि मेयर के पास से बरामद 2 फोन में लगी 3 सीम कार्ड में से एक भी उनके नाम पर नहीं था. पति सुशील के पास से दो सिम कार्ड बरामद हुए थे. वह दोनों उनके नाम पर नहीं थे. मतलब मेयर मुनेश गुर्जर और उनके पति सुशील गुर्जर दोनों दूसरे के नाम से लिए गए सीम यूज करते थे. 

एसीबी ने कैसे मानी मुनेश की संलिप्तता

एसीबी ने चार्जशीट में बताया है कि मेयर मुनेश गुर्जर के आवास से छह फाइल मिली है. इनमें वे फाइल हैं जिनके पट्टे जारी करने के एवज में उनके पति ने शिकायतकर्ता सुधांशु से रिश्वत ली है. इन फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं हुए थे. इससे मुनेश गुर्जर इस मामले में लिप्त नजर आ रही हैं. एसीबी का मानना है कि अपने पति से मिले निर्देशों के अनुसार उन्होंने कई फाइलों को लंबित रखा और उनके कहने पर कई फाइलों पर हस्ताक्षर किए. 

कोर्ट में नहीं पहुंचीं मेयर, 5 अक्टूबर को अगली सुनवाई 

उल्लेखनीय हो कि गुरुवार को पट्टे की एवज में भ्रष्टाचार के मामले में स्वायत्त शासन विभाग से मिले नोटिस के बाद एसीबी कोर्ट में सुनवाई हुई. हालांकि कमर दर्द के कारण मेयर मुनेश कोर्ट में पेश नहीं हो पाई. मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को रखी गई है. मेयर मुनेश के वकील दीपक चौहान ने कहा जो आरोप लगाए गए है, वे तथ्यहीन है.

यह भी पढ़ें - मेयर मुनेश गुर्जर का निलंबन फिर टला, नोटिस पर मंत्री झाबर सिंह खर्रा क्यों हो गए नाराज
जयपुर हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर ने DLB को भेजा जवाब, कहा, "भ्रष्टाचार के मामले में मेरी भूमिका नहीं"
 

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
दौसा में जिला सेशन जज की कार का एक्सीडेंट, कार को लगी आगे और पीछे दोनों तरफ से टक्कर
ACB Action: मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ 2502 पन्नों की चार्जशीट पेश, पढ़ें शिकायकर्ता और दलाल के बीच क्या हुई थी बातचीत?
In a Hotel Lakend in Udaipur a waiter killed a chef by stabbing him repeatedly in the chest
Next Article
उदयपुर के 5 सितारा होटल में वेटर ने शेफ को उतारा मौत के घाट, सीने में चाकू से ताबड़तोड़ किया वार
Close