
Khatushyamji: खाटूश्याम इन दिनों काफी सुर्खियों में है. वैसे तो बाबा खाटूश्यामजी की वजह से खाटू विश्व प्रसिद्ध है. लेकिन वर्तमान में जहां खाटूश्यामजी में कई घटनाएं सामने आई है. जिसमें श्रद्धालुओं के साथ मारपीट का मामला सामने आया था. यहां दुकानदारों के द्वारा मध्य प्रदेश के श्रद्धालु परिवार को बुरी तरह से पीटा था. यह मामला काफी सुर्खियों में था. हालांकि इस मामले में कानूनी कार्रवाई की गई है. अब नया मामला सामने आया है जहगां खाटू नगर पालिका के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पर कार्रवाई की गई है.
बताया जा रहा है कि स्वायत्त शासन विभाग जयपुर ने सोमवार (21 जुलाई) को एक आदेश जारी किया है. जिसमें खाटू नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (Executive Officer) देवेंद्र जिंदल पर कार्रवाई करते हुए उन्हें APO कर दिया गया है.
एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के खिलाफ शिकायत
स्वायत्त शासन विभाग जयपुर ने एग्जीक्यूटिव ऑफिसर की कार्यशैली में शिथिलता और लापरवाही बरतने के आरोप में एपीओ किया है. खाटू में नाली सड़कों की सफाई व्यवस्था, अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने, सरकार के विकास कार्यों को अमली जामा नहीं पहनाने, खराब स्ट्रीट लाइटें, बार-बार विद्युत विभाग द्वारा नगर पालिका के कनेक्शन काटे जाने और खाटूश्यामजी में वेंडिंग और नॉन वेडिंग एरिया घोषित नहीं करने सहित अनेक मामलों को लेकर शिकायतों के चलते एपीओ किया गया है.
स्वायत्त शासन विभाग जयपुर ने जारी किया आदेश
स्वायत्त शासन विभाग जयपुर ने आदेश जारी कर कहा है, जनप्रतिनिधियों के माध्यम से अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका खाटूश्याजम जी के विरूद्ध धार्मिक नगरी खाटूश्यामजी में बढ़ती समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देने, सड़क-नाली निर्माण और अन्य विकास कार्य नहीं करवाने, शहर की सफाई व्यवस्था और स्ट्रीट लाईट खराब होने, नगर पालिका क्षेत्र में बढ़ते अतिक्रमण को नहीं रोकने, नगर पालिका द्वारा वेंडिंग अथवा नोन-वेंडिग जोन घोषित नहीं करने, नगर पालिका कार्यालय में अधिशाषी अधिकारी और अन्य कर्मचारी उपस्थित नहीं रहने, संविदा कर्मचारियों के प्रशासक के चैंबर से सोते पाये जाने, अधिशाषी अधिकारी द्वारा अतिक्रमण हटाने के भेदभाव पूर्ण कार्यवाही करने और अधिशाषी अधिकारी के व्यवहार और कार्यप्रणाली आदि के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई है.
ऐसे में देवेंद्र कुमार अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका खाटूश्यामजी के विरूद्ध शिकायतों को देखते हुए उन्हें मुख्यालय पदस्थापना आदेशों की प्रतीक्षा में निदेशालय किया जाता है.
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