Ajmer News: लंबे समय से विवादों में रहे सेवन वंडर्स प्रोजेक्ट मामले में बड़ा प्रशासनिक एक्शन हुआ है. शहरी विकास एवं आवासन (UDH) मंत्री झाबर सिंह खर्रा के निर्देश पर मुख्य अभियंता नरेंद्र अजमेरा को निलंबित कर दिया गया है. अजमेरा उस समय अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में अतिरिक्त मुख्य अभियंता के पद पर कार्यरत थे जब यह प्रोजेक्ट निर्मित किया गया था. विभागीय स्तर पर यह कार्रवाई गंभीर अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन को लेकर की गई है.
वेटलैंड क्षेत्र में बना था सेवन वंडर्स प्रोजेक्ट
सेवन वंडर्स प्रोजेक्ट का निर्माण आनासागर झील के किनारे किया गया था. पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय नागरिकों ने इस निर्माण को झील की पारिस्थितिकी के लिए खतरा बताया था. इसके बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने जांच के बाद माना कि यह निर्माण झील के वेटलैंड क्षेत्र में हुआ है, जो पर्यावरणीय मानकों और जल संरक्षण कानूनों का उल्लंघन है. इस मामले ने प्रदेशभर में चर्चा बटोरी थी और सरकार पर भी सवाल उठे थे.
सुप्रीम कोर्ट और NGT के आदेश पर ध्वस्त हुआ निर्माण
एनजीटी के आदेश के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां अदालत ने भी पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी पर सख्त रुख अपनाया. इसके बाद अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) ने पिछले महीने सेवन वंडर्स निर्माण को ध्वस्त कर दिया था. अब उसी प्रकरण में दोषी पाए गए अधिकारी नरेंद्र अजमेरा के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. यह फैसला प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करने और भविष्य में इस तरह के अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
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