
Sarpanch Election In Rajasthan: राज्य के नगरीय निकायों के टालने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. चुनाव टालने को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. सरकार से 4 सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा है. जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस आनंद शर्मा की बेंच ने पूर्व विधायक संयम लोढ़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए जवाब मांगा है.
याचिका में कहा गया है कि राज्य के 55 नगरपालिकाओं का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो चुका है. इन निकायों में राज्य सरकार ने प्रशासक नियुक्त किए हैं. यह संविधान के प्रावधानों के विपरीत है. नगरपालिका अधिनियम भी इसकी इजाजत नहीं देता है. याचिकाकर्ता संयम लोढ़ा की तरफ से अधिवक्ता पुनीत सिंघवी ने पैरवी की.
राजस्थान में सरकार वन स्टेट वन इलेक्शन की कवायद ने जुटी है. सभी निकायों का पुनर्सीमांकन किया गया है, परिसीमन का काम जारी है. इसके बाद राज्य सरकार नवंबर में चुनाव कराने की कोशिश करेगी. सरकार ने इसे बार बार दोहराया है. तब तक के लिए पंचायतों में और निकायों में प्रशासक लगाए गए हैं.
संविधान में वर्णित अनुच्छेद और विद्यमान कानून का पालन हर सरकार को करना होगा।
— Sanyam Lodha (@SanyamLodha66) April 29, 2025
नवंबर 2024 में अपना कार्यालय पूरा कर चुकी 55 नगरपालिकाओं के राज्य सरकार द्वारा चुनाव नहीं करवाने के मामले में मेरे द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय में प्रस्तुत जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश… pic.twitter.com/ybLFw1tYKn
याचिका में इसी का विरोध किया गया है. सरपंच चुनाव टालने को लेकर पहले ही हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही, अब नया मामला भी हाईकोर्ट पहुंच गया है. परिसीमन भी विवादों में है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कई बार परिसीमन को लेकर सवाल उठाए हैं और मनमाने ढंग से परिसीमन करने का आरोप भाजपा पर लगाया है.
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