
Rajasthan News: साल 2022 में लालसोट की डॉ अर्चना शर्मा ने सुसाइड किया था. इस मामले में खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल समेत 10 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. वहीं इस मामले में पहले एडीजे कोर्ट में फिर हाइकोर्ट में सुनवाई हुई थी. हाईकोर्ट ने विधायक जितेंद्र गोठवाल के खिलाफ लगाए गए चार्ज को रद्द करने का आदेश दे दिया गया. जिसके बाद डॉ अर्चना शर्मा के पति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. अब सुप्रीम कोर्ट ने विधायक जितेंद्र गोठवाल बड़ा झटका दिया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले में फिर से जांच शुरू होगी और एडीजे कोर्ट में फिर से सुनवाई होगी.
बता दें, डॉ अर्चना शर्मा सुसाइड केस में पुलिस ने जांच पूरी भी नहीं की थी. इस दौरान एडीजे कोर्ट में सुनवाई हो रही थी. लेकिन गोठवाल ने इस बीच हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल किया, जिसमें हाईकोर्ट ने एडीजे कोर्ट की सुनवाई पर रोक लगा दिया साथ ही गोठवाल पर लगे चार्ज को रद्द करने का आदेश दे दिया. ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
क्या है पूरा मामला
डॉ अर्चना शर्मा के पति डॉ सुनीत शर्मा ने लालसोट थाने में साल 2022 में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. जिसमें कहा गया था कि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्चना शर्मा दौसा के लालसोट में एक निजी अस्पताल का संचालन करती थी. 28 मार्च 2022 को एक प्रसूता की मौत होने के बाद अस्पताल के बाहर शव को लेकर धरना दिया गया. इस दौरान प्रसूता के परिजनों ने डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. इस आरोप के बाद डॉ अर्चना शमा डिप्रेशन में चली गई और उन्होंने सुसाइड कर लिया. मामले में विधायक जितेंद्र गोठवाल समेत 10 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. जबकि गोठवाल 53 दिन जेल भई गए थे. इस केस की सुनवाई एडीजे कोर्ट में चल रही थी, लेकिन गोठवाल ने मई 2022 में जमानत ले लिया. वहीं गोठवाल ने राजस्थान हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका लगाई थी. इस याचिका पर दो महीने पहले फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने एडीजे कोर्ट की सुनवाई पर रोक लगाते हुए, विधायक गोठवाल पर लगे चार्ज को रद्द करने का आदेश दे दिया.
वहीं हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ डॉ अर्चना शर्मा के पति ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को स्थगित कर दिया. वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मामले में फिर से जांच शुरू होगी और एडीजे कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी.
जितेंद्र गोठवाल ने कहा कांग्रेस ने झूठा केस बनाया था
इस पूरे मामले में जितेंद्र गोठवाल कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने मुझ पर झूठा केस बनाया था. जिसकी जांच की लगातार मांग कर रहा था. मामले का चालान पेंडिंग था, उसका रि-इंवेस्टीगेशन कराया गया और मुझे जांच अधिकारी ने निर्दोष मान लिया था. इसके बाद हम हाईकोर्ट गए. उस चार्जशीट के आधार पर हाईकोर्ट ने मुझे निर्दोष मानते हुए नया चार्ज फ्रेम करने के लिए डीजे कोर्ट को भेजा. उस समय से कांग्रेस के कुछ लोग मेरे पीछे पड़े हैं. कुछ कांग्रेस नेता जिनका मैं सदन में घोटाले खोलने का काम करता हूं. उन लोगों ने फिर से सुप्रीम कोर्ट में मेरे खिलाफ याचिका दायर की है. पूर्व में भी जब मुझे जमानत मिली थी तब भी कांग्रेस सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी. जिसे कोर्ट ने खारिज किया था.
उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि सुप्रिम कोर्ट के सामने जब सारे तथ्य रखे जाएंगे तो झूठे केस की पोल विस्तार से खुलेगी और कोर्ट मुझे रिलीफ देगी. सत्य कभी झुकता नहीं है. मैं पूर्ण सही और निर्दोष हूं, मुझे न्याय मिलेगा. उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेषता से यह किया जा रहा है.
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