
SP Patrolling by Bicycle: अपनी सरकारी गाड़ियों को छोड़कर अजमेर एसपी के साथ एडिशनल एसपी और तमाम पुलिस अधिकारी सादे कपड़ों में साइकिल पर सवार होकर गश्त पर निकल गए. रविवार शाम को अजमेर एसपी देवेंद्र कुमार विश्नोई शहर की सड़कों पर साइकिल लेकर निकले तो सभी लोग अचंभे में पड़ गए. एसपी ने एसपी ऑफिस से अपने स्टाफ के साथ साइकिल पर गस्त शुरू की और शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्र के मुख्य बाजारों और सड़कों गलियों के सामने से साइकिल चलाते हुए, ड्यूटी पॉइंट पर तैनात पुलिसकर्मियों को चेक किया.
'लोगों में बढ़ता है आत्मविश्वास'
एसपी देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि साइकल गस्त के पीछे उद्देश्य है. अब तक चुनाव के सिलसिले में अजमेर पुलिस व्यस्त चल रही थी. इस दौरान हम लोकल पुलिसिंग पर ध्यान नहीं दे पाए. लोकल पुलिसिंग शहर में कानून व्यवस्था, शहर में ट्रैफिक व्यवस्था ,कॉन्फिडेंट बिल्डिंग के साथ सबसे बड़ी बात जब जिले का एसपी अपने तमाम अधिकारियों के साथ शहर में साइकिल पर गस्त करते हैं. तब सभी अधिकारियों का कॉन्फिडेंस लेबल बढ़ता है.

गस्त से शहर में होने वाला छोटा अपराध भी नजर आता है: SP
एसपी ने यह भी बताया कि पैदल या साइकिल पर गस्त करने के दौरान शहर की कई चीज नजर आती है, जो की सरकारी वाहनों में नजर नहीं आती. जैसे- गली और सड़कों और बाजारों में हो रहे अतिक्रमण, शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और ट्रैफिक की कमियां नजर आती हैं. जब पुलिस के अधिकारी पैदल या साइकिल गस्त पर निकलते हैं, तब व्यापारियों और शहरवासियों में एक पॉजिटिव मैसेज जाता है. इससे अपराधी और असामाजिक तत्वों में खौफ पैदा होता है.
एसपी ने कहा 'जो फिट है वह हिट है'
साइकिल गस्त के पीछे पर्यावरण संरक्षण और पुलिस अधिकारियों की फिटनेस एक दिन सभी पुलिस अधिकारी नो व्हीकल डे बनाएं और एक दिन सभी अधिकारी साइकिल पर गस्त करें, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ प्रदूषण में भी कमी आएगी.
पुलिसकर्मियों में दबाव और टेंशन होगी कम
साइकिल गस्त के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह भी बताया कि पुलिस अधिकारी के ऊपर लॉ एंड ऑर्डर, फिटनेस, के साथ मुकदमे के दबाव के साथ प्रोटोकॉल का भी दबाव रहता है. ऐसे में अगर अधिकारी साइकिल चलाएंगे तो उनकी फिजिकल फिटनेस भी सही रहेगी.
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