Rajasthan: आसाराम को हार्ट का इलाज करवाने के लिए कोर्ट से 7 दिन की पैरोल मिली है. महाराष्ट्र के माधवबाग में आसाराम का इलाज होना है. आसाराम और उनका मैनेजमेंट संभाल रहे अलग-अलग संगठनों के पदाधिकारियों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं साधक आसाराम के इलाज के लिए मिली पैरोल में बाधक न बन जाए. आसाराम का एक मैसेज भी वायरल हो रहा है. संगठनों के पदाधिकारी भी साधकों से विनती करते नजर आ रहे हैं.
आसाराम के निजी सुरक्षा गार्ड भी लगाए जा रहे
महाराष्ट्र पुलिस ने बड़ी शर्त रखी है. सड़कों पर, एयरपोर्ट के बाहर या माधवबाग इलाके में साधक दिखे और लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ती नजर आई, तो आसाराम को बिना इलाज जोधपुर भेज दिया जाएगा. इधर, आसाराम की ओर से वहां निजी सुरक्षा गार्ड भी लगाए जा रहे हैं, जो साधकों को कंट्रोल करने के लिए मुस्तैद रहेंगे.
महाराष्ट्र के माधवबाग में इलाज के लिए मिली पैरोल
आसाराम को जेल में सजा काटते 11 साल हो चुके हैं. इस दौरान उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है. वे आयुर्वेद पद्धति से इलाज करवाना चाहते हैं, इसके लिए पैरोल की अर्जी कई बार लग चुकी है. बीच में उन्हें एम्स के साथ निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में भी इलाज करवाने की छूट दी गई थी, इलाज लिया भी था. लेकिन, आसाराम महाराष्ट्र के माधवबाग में ही इलाज करवाने पर अड़े थे. इन दिनों वे दिल के दर्द से भी जूझ रहे हैं. तकलीफ बढ़ने पर एम्स में भर्ती करवाया जाता है. इस बार उनको माधवबाग में इलाज करवाने के लिए सात दिन की पैरोल मिली है.
कमजोर हुए, इलाज की सख्त जरूरत
आसाराम से जुड़े प्रमुख लोगों की मानें तो आसाराम का स्वास्थ्य बेहतर नहीं है. वे कमजोर हो चुके हैं. बार-बार सीने में दर्द होता है. कभी दर्द खुद ठीक हो जाता है तो कभी जीभ के नीचे गोली रखने के बाद राहत मिलती है. आसाराम को इसके लिए एक इंजेक्शन भी लगाया जा रहा था, जो अब बंद कर दिया गया है.
माधवबाग में भर्ती हो जाते हैं साधक
पिछली बार आसाराम को इलाज के लिए जेल से बाहर आने की बात चली तो उनके साधकों को लगा कि आसाराम माधवबाग इलाज लेने पहुंचेंगे. ऐसे में कुछ साधक मरीज बनकर पहले से माधवबाग में भर्ती हो गए थे. इस बार ऐसा न हो, इसके लिए आसाराम की टीम ने पहले से माधवबाग में व्यवस्था कर दी है, अगर कोई साधक फीस जमा करवा कर भर्ती हो भी जाएगा तो उसे वहां से निकाल दिया जाएगा.
जंगल के बीच माधवबाग, अलग-अलग कमरों में इलाज
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में खपोली स्थित यह अस्पताल जंगल के बीच है. अस्पताल 7 दिन के पैकेज में वैज्ञानिक रूप से शोधित एसएचएस थेरेपी द्वारा हृदय को बिना सर्जरी के बेहतर बनाने का दावा करता है, इसलिए ही आसाराम इस अस्पताल में भर्ती होना चाहता था. अस्पताल से पांच किलोमीटर दूर तक ठहरने या खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में साधकों के जंगल में रुकने की आशंका को भी ध्यान में रखकर मैसेज दिया जा रहा है कि जंगली जानवर व सांप-बिछू का खतरा रहेगा. अस्पताल में आसाराम के उपचार के मद्देनजर सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं. अंदर महाराष्ट्र पुलिस तो बाहर आसाराम टीम के निजी सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे. वहां वार्ड जैसी व्यवस्था नहीं है. मरीजों को अलग कमरों में रखा जाता है. आसाराम को घूमने व धूप लेने की सुविधा दी जा सकती है.
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