
Rajasthan News: राजस्थान में बालोतरा जिले के बायतु चिमनजी गांव में उस समय मातम छा गया, जब थार का लाल, सीमा सुरक्षा बल (BSF) का जवान उगरा राम पोटलिया का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा. 31 अगस्त को त्रिपुरा में ड्यूटी के दौरान एक दुखद हादसे में उनकी जान चली गई. इस खबर ने पूरे गांव को झकझोर दिया. सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंतिम विदाई में हजारों लोग शामिल हुए, जिन्होंने नम आंखों से अपने इस वीर सपूत को श्रद्धांजलि दी.
हादसे ने छीनी जिंदगी
BSF की 121वीं बटालियन में कांस्टेबल के रूप में तैनात उगरा राम त्रिपुरा में अपनी ड्यूटी निभा रहे थे. 31 अगस्त को अपनी सर्विस राइफल की सफाई के दौरान अचानक गोली चल गई, जो उनकी गर्दन में जा लगी. गंभीर हालत में उन्हें तुरंत डिफेंस हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा न सके. इस हादसे ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरी BSF बटालियन को सदमे में डाल दिया.
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई
उगरा राम की अंतिम यात्रा में गांव के लोग उमड़ पड़े. BSF के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर अपने साथी को सलामी दी. उनके बेटे को तिरंगा सौंपा गया, जिसने रोते हुए अपने पिता को मुखाग्नि दी. BSF के अधिकारी, स्थानीय नेता और गांववासियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर उगरा राम के बलिदान को याद किया. इस दौरान पूरा गांव शोक में डूबा रहा.
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
उगरा राम अपने पीछे पत्नी, दो बेटियां, एक बेटा और माता-पिता को छोड़ गए. दो भाइयों में छोटे उगरा राम का एक भाई भारतीय वायुसेना में है. उनके निधन की खबर से परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. गांववासियों का कहना है कि उगरा राम हमेशा अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित थे और युवाओं के लिए प्रेरणा थे.
बलिदान कभी भुलाया नहीं जाएगा
उगरा राम का बलिदान पूरे देश के लिए गर्व का विषय है. BSF अधिकारियों ने उनके साहस और निष्ठा की प्रशंसा की. उनका कहना है कि उगरा राम जैसे जवान देश की शान हैं. गांववासियों ने भी कहा कि उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जाएगा.
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