
Jaipur News: टोंक की बनास नदी में नहाने के दौरान मंगलवार दोपहर बड़ा हादसा हो गया था, जिसमें जयपुर से पिकनिक मनाने गए आठ लोगों की मौत हो गई. हादसे के बाद देर शाम मृतकों के शव जयपुर स्थित उनके निवास स्थान पहुंचे. मृतकों में जयपुर निवासी नौशाद, कासिम, फरहान, रिजवान, नवाब खान, बल्लू उर्फ आजाद और साजिद शामिल थे.
मंगलवार देर रात मुस्लिम रीति-रिवाजों के मुताबिक घाट गेट इलाके में मस्जिद में सभी मृतकों की एक साथ नमाज-ए-जनाजा अदा की गई. इसके बाद घाट गेट कब्रिस्तान में सात जनाज़े एक साथ सुपुर्द-ए-खाक किए गए. अंतिम यात्रा के दौरान माहौल बेहद गमगीन था. घाट गेट कब्रिस्तान में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग शामिल हुए. इस दौरान पुलिस व्यवस्था भी काफी चाक-चौबंद रही. हादसे में इतने युवाओं की एक साथ मौत से इलाके में शोक की लहार दौड़ गई.
कल हुआ था हादसा
राजस्थान के टोंक जिले में मंगलवार को बनास नदी में डूबने से आठ युवकों की मौत हो गई थी. टोंक के पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने बताया कि तीन अन्य युवकों को बचा लिया गया और उनकी हालत स्थिर है. उन्होंने बताया कि जयपुर से 11 युवक पिकनिक मनाने कच्चा बांध, पुराना बनास पुलिया के पास पहुंचे थे. कुछ युवक नदी में नहाने उतरे और गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे. उनके साथियों ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन हादसे का शिकार हो गए.
'एक दूसरे को बचाने में सभी डूबे'
जैसे ही हादसे की सूचना मिली पुलिस व बचाव दल मौके पर पहुंचा और स्थानीय लोगों की मदद से युवकों को बाहर निकाला और अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने 8 युवकों को मृत घोषित कर दिया. मृतकों की पहचान नौशाद (35), कासिम (26), रिजवान (26), नवाब खान (28), साजिद (20), नक्कू (30), बल्लू और फरहान के रूप में हुई है. वे जयपुर के हसनपुरा, घाट गेट, पानीपेच और रामगंज इलाके के निवासी थे.'
बनास नदी में पहले भी हुए हादसे
बनास नदी को जीवनदायनी कहा जाता है. लेकिन इस नदी में हो रहे बजरी के अंधाधुंध खनन से मौत के सैकड़ों गड्ढे बन चके हैं, जिस वजह से यहां कल जैसी घटनाएं होती रहती हैं. इससे पहले बनास नदी में कासिर, भूतिया घाट, बीसलपुर बांध में बिहारी मछुआरों की मौत हो चुकी है. बनास नदी के नए और पुराने पुलों सहित दर्जनों जगह बने गड्ढों में डूबकर कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं.
मंगलवार की घटना के बाद जलदाय मंत्री कन्हैयालाल से लेकर जिला कलेक्टर तक ने एक ठोस एक्शन प्लान की बात कही है. अब देखना यह होगा की भविष्य में ऐसी किसी दूसरी घटना की पुनरावर्ती न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
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