विज्ञापन

आजादी के 77 साल बाद भी सैंकड़ों मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा राजस्थान का यह गांव, जान जोखिम में डालकर किया जाता है अंतिम संस्कार

गांव में किसी की मौत हो जाती है तो मौत से पूरा गांव दुखी होता है. साथ डर इस बात का होता है कि गांव के श्मशान घाट तक इसे कैसे लेकर जाएंगे.

आजादी के 77 साल बाद भी सैंकड़ों मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा राजस्थान का यह गांव, जान जोखिम में डालकर किया जाता है अंतिम संस्कार
गांव में श्मशान घाट तक जाने वाले रास्ते में कोई सड़क नहीं है

Rajasthan News: आजादी के 77 साल पूरे हो चुके हैं. इस दौरान कई सरकारें आई और चली गई. लेकिन राजस्थान के जनजाति जिले बांसवाड़ा में ऐसे भी स्थान है जहां मूल भूत साधन भी नहीं पूरे हो पा रहे हैं. बांसवाड़ा का ऐसा ही एक गांव है सोमपुर, यह गांव आज भी समस्याओं की जंजीरों से जकड़ा हुआ है. इस गांव में लोगों के पास जीवन यापन के लिए मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है. सरकारे सड़क, पानी, बिजली जैसी सुविधाओं को पूरा करने का दावा करती है. लेकिन सोमपुर गांव इन मूलभूत सुनिधाओं से पड़े हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि सोमपुर गांव में जब किसी व्यक्ति को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना होता है तो ग्रामीणों को श्मशान घाट तक जाने के लिए भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 

खराब रास्ते से जाते लोग

अंतिम संस्कार के लिए खराब रास्ते से जाते लोग

कई बार आ जाती है शव गिरने की नौबत

गांव में किसी की मौत हो जाती है तो मौत से पूरा गांव दुखी होता है. साथ डर इस बात का होता है कि गांव के श्मशान घाट तक इसे कैसे लेकर जाएंगे. क्योंकि शव को ले जाने के लिए गांव वालों को खुद जान की जोखिम उठानी पड़ती है. गांव में श्मशान घाट तक जाने वाले रास्ते में कोई सड़क नहीं है. इस वजह से लोगों को कई किलोमीटर तक शव को कंधों पर उठाकर ऊबड़-खाबड़ कच्चे रास्ते से जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि खराब और कच्चे रास्ते के कारण कई बार शव के गिरने की नौबत आ जाती है. इस स्थिति में अंतिम संस्कार करना बेहद दुखद है. 

बारिश में बहुत खराब हो जाते है हालात

ग्रामीण बताते हैं कि उन्होंने कई बार प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है. गांव के स्कूली बच्चों को भी इस खराब सड़क के कारण स्कूल जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बारिश के मौसम में तो हालात और भी खराब हो जाते हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि वे जल्द से जल्द श्मशान घाट तक जाने के लिए एक सड़क बनवाएं.

यह भी पढ़ें- 

25 सितंबर की वो तारीख जब पायलट सीएम बनने से चूके, गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ से हो गए थे बाहर

8 महीने पहले बनी सड़क टूटी देखकर मंत्री का चढ़ा पारा, गाड़ी रोककर अधिकारियों की लगाई क्लास

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
ACB Action: बालोतरा में जिला कलेक्ट्रेट के कर्मचारी कर रहे रिश्वत का खेल, 18 हजार घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया बाबू
आजादी के 77 साल बाद भी सैंकड़ों मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा राजस्थान का यह गांव, जान जोखिम में डालकर किया जाता है अंतिम संस्कार
Rajasthan government canceled land allotted for Madrasa building in Udaipur Mavli by Gehlot Govt
Next Article
गहलोत सरकार ने मदरसा बनाने के लिए दी थी 4 बीघे से अधिक जमीन, भजनलाल सरकार ने पलटा फैसला
Close