Bhilwara Gang Rape Bhatti Case: पिछले साल अगस्त महीने में राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक नाबालिग बच्ची को गैंगरेप के बाद भट्ठी में जिंदा जला दिया गया था. इस जघन्य वारदात की जानकारी सामने आने के बाद पूरे देश में राजस्थान शर्मसार हुआ था. पुलिस जांच के साथ-साथ मामले में महिला आयोग, बाल आयोग ने भी संज्ञान लिया था. राष्ट्रीय स्तर पर यह कांड सुर्खियों में आई. जांच के साथ-साथ मामले में खूब सियासत भी हुई. तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. लिहाजा महिला अपराध को लेकर पहले से हमलावर भाजपा ने इस मु्द्दे पर गहलोत सरकार को खूब घेरा था. आज यह मामला फिर से खबरों में है.
वजह है कि शनिवार 18 मई को कोर्ट ने इस मामले में अहम सुनवाई की है. पोस्को कोर्ट संख्या-2 ने शनिवार को भीलवाड़ा गैंगरेप भट्ठी कांड मामले की सुनवाई करते हुए गिरफ्तार 9 आरोपियों में से 7 को बरी कर दिया है. जबकि 2 को मुख्य आरोपी बताते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट सोमवार को इस मामले के दो आरोपियों को सजा सुनाएगी.
सबूत मिटाने व आरोपियों को बचाने वाले कैसे रिहा हो गए
कोर्ट के फैसले के बाद भीलवाड़ा का यह दिल दहलाने वाला कांड फिर से सबकी जेहन में आ गया. लोग इस कांड को याद करते हुए कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर चर्चा कर रहे हैं. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि आखिर जिन लोगों ने इस क्राइम को छिपाने, सबूत मिटाने और मुख्य आरोपियों को बचाने की कोशिश की कोर्ट ने उसे रिहा क्यों किया. इस बारे में अभी पक्के तौर पर कुछ भी सामने नहीं आया है. लेकिन पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा कि हम इस मामले में हाईकोर्ट जाएंगे.
सोमवार को दोनों दोषियों को सुनाई जाएगी सजा
मालूम हो कि भीलवाड़ा में मासूम से गैंगरेप के बाद उसे कोयला भट्टी में जिंदा जलाने के मामले में शनिवार को पोक्सो कोर्ट संख्या-2 ने 2 भाइयो को दोषी माना. जबकि हत्याकांड में आरोपी परिवार के 7 सदस्यों को बरी कर दिया. पोक्सो कोर्ट संख्या- 2 अनिल गुप्ता ने मामले में सोमवार को अगली सुनवाई रखी है. सोमवार को दोनों दोषियों को सजा सुनाई जाएगी. उधर इस मामले में सरकार हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी कर रही है. फैसले के बाद आगे अपील का दावा सरकार की ओर से लगाए गए स्पेशल पीपी ने आज मीडिया के सामने किया है.
इन 9 लोगों को किया गया था गिरफ्तार
मामले के जांच अधिकारी कोटडी डिप्टी श्यामसुंदर बिश्नोई ने बताया कि इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जिसमें कालू पुत्र रंगलाल कालबेलिया, निवासी चांदनी माता दुनी, थाना देवली, टोंक हाल निवासी बालाजी का मंदिर के पास, तस्वारिया, थाना शाहपुरा, भीलवाड़ा, पप्पू पुत्र अमर नाथ कालबेलिया उम्र 35 वर्ष निवासी अरवड़, थाना फुलिया कला, भीलवाड़ा हाल निवासी बालाजी मंदिर के पास, तस्वारिया, थाना शाहपुरा, भीलवाड़ा, कान्हा पुत्र रंगलाल कालबेलिया उम्र 21 वर्ष निवासी चांदली माता दुनी, थाना देवली, टोंक हाल निवासी बालाजी मंदिर के पास, तस्वारिया, थाना शाहपुरा, भीलवाड़ा, संजय पुत्र प्रभु कालबेलिया उम्र 20 वर्ष निवासी पालसा, थाना शाहपुरा, भीलवाड़ा, कमलेश पुत्र श्रवण कालबेलिया उम्र 30 वर्ष निवासी बालाजी मंदिर के पास, तस्वारिया, थाना शाहपुरा, भीलवाड़ा, प्रभु पिता गंगाराम कालबेलिया उम्र 40 वर्ष निवासी बालाजी के मंदिर के पास, तस्वारिया, थाना शाहपुरा, जिला भीलवाड़ा, लाड उर्फ जीजी पत्नी कालु कालबेलिया 25 वर्ष निवासी बालाजी मंदिर के पास, तस्वारिया, थाना शाहपुरा को गिरफ्तार किया था.
सगे भाई कालू और कान्हा को माना दोषी, हाईकोर्ट जाएगी सरकार
राजस्थान सरकार की ओर से इस मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत ने की. स्पेशल पीपी किशनावत ने कहा कि कालू और कान्हा कालबेलिया पुत्र रंगलाल कालबेलिया को कोर्ट ने दोषी माना है. दोनों मुलजिमों को के खिलाफ सजा के बिंदु पर सुनवाई होगी. सरकारी वकील किशनावत ने कहा कि अभी जजमेंट की कॉपी नहीं मिली है. जजमेंट की कॉपी मिलने के बाद यह देखा जाएगा कि कहां कमी रह गई. इसके बाद हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे.
जानिए क्या है भीलवाड़ा गैंगरेप भट्ठी कांड
कोटडी थाना क्षेत्र में दो अगस्त 2023 की इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोड़ कर रख दिया था. इस कोटवाड़ा में रहने वाली नाबालिग के साथ दो दरिंदों ने हैवानियत की सारी हदों को पार कर दिया था. घटना के दिन बच्ची के माता-पिता किसी रिश्तेदारी में गए हुए थे. वह अकेली ही मवेशी चराने के लिए खेतों में चली गई थी. दोपहर में माता पिता के घर लौटने पर बेटी को नहीं देखने पर उसकी तलाश करना शुरू कर दिया. गांव भर में पूछताछ करने के कारण बेटी के गायब होने की सूचना पूरे गांव में आग की तरह फैल गई.
बारिश के बीच रात में भट्ठी जलते देख लोगों का शक गहराया था
इसके बाद सभी ने मिलकर करीब रात 10 बजे तक बच्ची की तलाश करते रहे थे.वही गांव के बाहर खेतों में कालबेलियों के डेरे में कोयला भट्टी जलती देखी गई थी. इसके बाद ग्रामीणों को इतनी रात बारिश के समय में भट्टी जलने की वजह से कुछ शक हुआ. जिसके बाद वहां जाकर देखा तो वहां बच्ची के कपड़े, कड़ें, चप्पल और हड्डियां मिली.
इसके बाद ग्रामीणों ने उसी समय शक के आधार पर रात में ही कुछ कालबेलिया लोगों को पकड़ लिया. पिता ने बच्ची की गुमशुदगी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी. जिसमें सामने आया था की उस भट्टी पर कान्हा और कालू भी रहते थे. पीड़िता के पिता के ही पास में खेत है. आरोपियों की पत्नी, बहन, मां और पिता सहित अन्य लोग भी इस मामले में आरोपी बनाए गए थे. आरोपी की पत्नी ने जलने से बचे बच्ची की लाश के कुछ हिस्से को छिपाने की कोशिश तक की थी.
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