राजस्थान के हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिले में कपास की फसल में ‘गुलाबी सुंडी' कीट के प्रकोप से प्रभावित किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. सरकार ने गुलाबी सुंडी से बर्बाद हुई फसल के लिए मुआवजा दिए जाने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री निवास पर फसल नुकसान, फसल बीमा और गिरदावरी की समीक्षा बैठक में बुधवार को यह जानकारी दी गई.CM गहलोत ने कहा कि इस साल कई जिलों में असामान्य बारिश से फसलों को काफ़ी नुकसान हुआ है. गहलोत ने अगले 10 दिनों के भीतर गिरदावरी करवाकर किसानों को राहत देने के निर्देश दिए हैं.
फसल बीमा योजना के अन्तर्गत कीट रोग के प्रकोप के कारण कपास फसल का उत्पादन प्रभावित होने पर जिन किसानों का फसल बीमा हुआ है उनको नुकसान के ऐवज़ 'क्लेम' दिया जाता है . "गुलाबी सुंडी" से प्रभावित कपास किसानों को औसत उपज के हिसाब से नियमानुसार 'क्लेम' दिया जाएगा.
कपास की फ़सल के 45 फ़ीसदी तक का नुकसान होने की आशंका
आधिकारिक बयान के अनुसार, बैठक में बताया गया कि हनुमानगढ़, गंगानगर जिले में कपास की फसल में गुलाबी सुंडी के प्रकोप से दोनों जिलों में लगभग 2.56 लाख हेक्टेयर इलाक़ा प्रभावित हुआ है, जिससे 73 हजार किसान प्रभावित हैं. इस प्रकोप की वजह से 5 से 45 फ़ीसदी तक नुकसान का अनुमान है.
CM गहलोत ने प्रभावित क्षेत्रों में फसलों की गिरदावरी जल्द करवाकर फसलों के नुकसान की रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावित किसानों को वक़्त पर मदद उपलब्ध करवाई जा सके. बैठक में बताया गया कि साल 2022-23 और 2023-24 में राज्य में आई प्राकृतिक आपदाओं बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, पाला और शीतलहर से प्रभावित 10.61 लाख पात्र काश्तकारों को राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के नियमों के अनुसार 968.48 करोड़ रुपये का कृषि अनुदान वितरित किया गया है.
बैठक में यह भी बताया गया कि वर्ष 2022-23 में रबी के फसल से जुड़े बीमा संबंधी दावों को लेकर 1895 करोड़ रुपये किसानों में वितरित किये जा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 में रबी की फसल से जुड़े बीमा दावों से संबंधित लंबित राशि को किसानों में जल्द वितरित कराया जाए.
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