
Indo- Pak Match: पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स भारत में पहुंचाए जा रहे हैं. ड्रोन के माध्यम से भेजे जाने वाले हथियार व ड्रग्स की खेप कई बार हमारे जाबाज जवानों ने पकड़ी भी है. सीमा की रक्षा कर रहे जवान कई ड्रोन मार गिराते हैं, लेकिन इसके बाद भी कुछ तस्कर ड्रग्स और हथियार की खेप पहुंचाने में कामयाब हो जाते हैं. इस चुनौती से जीत पाने के लिए पाकिस्तान से लगी भारत की सरहद पर आगामी छह महीने में स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम को स्टेबलिस किया जाएगा. यह सिस्टम तैनात होने के बाद BSF की ताकत और भी बढ़ जाएगी.
एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी
अब पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए घुसपैठ करने की कोशिश की जा रही है. 3 अलग-अलग कंपनियों ने एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी के डिजाइन तैयार किए हैं. इन तैयार किए गए डिजाइनों का इन दिनों भारत-पाक सीमा पर विशिष्ट स्थानों पर परीक्षण किया जा रहा है. जल्द ही, इन डिजाइनों में से एक या एक मिश्रण को चुना जाएगा और भारत की पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जाएगा.
नई टेक्नोलॉजी होगी उपयोगी
एंटी-ड्रोन तकनीक किसी भी अज्ञात यूएवी पर चौबीसों घंटे नजर रखेगी और उन्हें कुछ ही सेकंड्स के भीतर मार गिराएगी. यह ड्रोन मूवमेंट के बारे में भी सुरक्षा बलों को अलर्ट करेगा. बीएसएफ ने पिछले साल 2023 में अकेले पंजाब में 107 पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था. सुरक्षा बलों ने 2023 में पूरी भारत-पाक सीमा पर 450 से अधिक ड्रोन देखे जाने की सूचना दी. केंद्र सरकार पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ पर अंकुश लगाने के लिए भारत-पाक सीमा पर बाड़ लगाने के लिए भी काम कर रही है.

अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल
एंटी ड्रोन सिस्टम को लगातार अपडेट किया जा रहा है. वहीं BSF अलर्ट रहकर सीमा पार से आने वाले ड्रोन को फायरिंग करके नेस्तनाबूद करने का काम कर रही है. जैसे ही सीमा पार से ड्रोन उड़ता नजर आता है, तुरंत सभी अलर्ट होकर एक दूसरे को मैसेज करते हैं. अधिकारी तुरंत ड्रोन पर फायरिंग करने के आदेश देते हैं. ड्रोन पर कई राउंड फायरिंग की जाती है. जिससे वो किसी भी तरह से बचकर वापस ना लौट जाए और उसको पकड़ा जाए. पकड़े गए ड्रोन की तकनीक की जांच की जाती है. सीमा सुरक्षा बल नॉर्थ सेक्टर के डीआईजी योगेंद्र सिंह ने बताया कि ड्रोन सबसे बड़ा थ्रेट है. इसको लेकर हम तैयार हैं. हमने कई जगह पर एंटी ड्रोन सिस्टम को लगाया हैं और डवलप भी किए है. इसके साथ ही सीमा पार से आने वाले ड्रोन से निपटने के लिए स्मार्ट वेपन भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं.
ज्यादा स्मगलर करते हैं ड्रोन का उपयोग
BSF आईजी राजस्थान सीमांत IPS पुनीत रस्तोगी बताते हैं कि 'पाकिस्तान के ज्यादातर स्मगलर ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं. वे सीमा पार से मादक पदार्थों को भारत में सप्लाई के लिए भेजते हैं. अब कई वेपन के माध्यम से हम इसको उड़ाने के लिए काम में ले रहे हैं. हम एंटी ड्रोन सिस्टम को लगा रहे हैं और हम उसको लगातार अपडेट भी करते हैं. पकड़े गए ड्रोन पर रिसर्च करके उसमें इस्तेमाल की गई टेक्नोलॉजी को देखते हुए हम हमारे एंटी ड्रोन सिस्टम को अपडेट भी कर रहे हैं.'
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