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Jaisalmer: किसानों के आंदोलन के बीच नहर विभाग छोड़ेगा 1700 क्यूसेक पानी

पिछले कुछ दिनों से नहरों में बहुत कम पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे किसानों के सामने रबी की फसलों को लेकर परेशानी खड़ी हो गई है और किसानों ने बीते दिनों महापड़ाव भी किया था, पानी पूरा पहुंचने तक किसान आंदोलन पर रहेंगे. हालांकि अधिकारियों ने 1700 क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला किया है.

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Jaisalmer: किसानों के आंदोलन के बीच नहर विभाग छोड़ेगा 1700 क्यूसेक पानी
प्रतीकात्मक चित्र

Indira Gandhi Canal Project: इंदिरा गांधी नहर परियोजना का रेगुलेशन प्लान को अब 31 दिसंबर तक पहले की ही तरह ही जारी रखने का निर्णय लिया गया है. पिछले दिनों हुई हनुमानगढ़ में जल परामर्शदात्री की बैठक में यह फैसला लिया गया है. जिसका फायदा किसानों को रबी फसल में होगा. हालांकि आगामी 14 दिसंबर से रेगुलेशन का प्लान बदलने वाला था लेकिन इस फैसले से किसानो को जरूर राहत मिलेगी.

नहरों में छोड़ा जाएगा 1700 क्यूसेक पानी

गौरतलब है कि रबी की फसल के लिए नहरी विभाग द्वारा जारी रेगुलेशन प्लान के तहत 1254 आरडी से नीचे की नहरों में नहरी विभाग द्वारा 1700 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा. रेगुलेशन के लिए नहरी विभाग द्वारा सभी वितरिकाओं को चार समूहों में बांटा गया है. 

हालांकि पहला ग्रुप जो 14 दिसंबर तक चल रहा है, उसमें चार में से दो दूसरा ग्रुप जो 14 दिसंबर से 28 फरवरी तक चलेगा उसमें 3 में से 1 तथा तीसरा व अंतिम ग्रुप जो 28 फरवरी से 16 मार्च तक चलेगा उसमें फिर से चार में से 2 समूहों का पानी चलाने का निर्णय लिया गया था. अब पानी की कमी व किसानों के विरोध को लेकर आगामी 31 दिसंबर तक नहरों में 4 में से 2 समूहों में ही पानी चलाया जाएगा. जिससे किसानों को 25 दिन की बजाय अब 17 दिन में ही दो बार आधा-आधा बारी में जल्दी पानी मिलेगा.

रबी की फसल में ज्यादा सिंचाई की जरूरत

पहले चरण में चार में से दो ग्रुप चलने से किसानों को 17 दिन में आधा-आधा पानी मिलना था. लेकिन ऐसा हुआ नही तो किसान आंदोलन की राह पर है. लेकिन अब इस रेगुलेशन के प्लान को सुचारू करते हुए 14 के बजाय 31 दिसंबर तक कर दिया गया है. हालांकि दूसरा चरण14 दिसंबर से 28 फरवरी तक तीन में से एक ग्रुप में चलना था. जिसे अब चेंज कर दिया गया है.

इस मौसम में पानी रबी की फसल में सिंचाई शुरू होने के साथ ही ज्यादा पानी की जरूरत रहेगी. लेकिन पिछले दिनों से ही नहरों में पानी की कमी आ रही थी.

जिसको लेकर किसानों ने मोहनगढ़ स्थित जीरो आरडी में विरोध भी शुरू कर दिया था. ऐसे में आगामी दिनों में किसानों के सामने परेशानी खड़ी होना तय माना जा रहा था. लेकिन अब नए रेगुलेशन प्लान के बनने के बाद किसानों को पर्याप्त पानी मिलने की संभावना जताई जा रही है.

रबी की फसलों के लिए मिलेगा पूरा पानी 

नहरी किसानों को इस बार रबी की फसल के लिए पूरा पानी मिलेगा.उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार पानी की भरपूर आवक रहेगी. जिससे पंजाब के बाद हनुमानगढ़, गंगानगर व बीकानेर में पूरा पानी सप्लाई होगा. पानी की भरपूर आवक से टेल पर बैठे जैसलमेर के किसानों को भी पूरा पानी मिलने की संभावना है.

पानी पूरा मिले तो फसल को होगा फायदा 

इस बार रबी की फसल में किसानों को नहरों में पूरा पानी मिला तो बंपर पैदावार होगी. किसानों को इस बार की रबी की फसल से ही उम्मीदे है. जिसको लेकर किसानों द्वारा खेतों में खड़ाई शुरू कर दी गई है. खेतों में किसानों द्वारा बुआई की जाएगी. 

IGNP  के अतिरिक्त मुख्य अभियंता राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि जैसलमेर में 14 दिसंबर से रेगुलेशन प्लान के तहत 3 में से 1 ग्रुप चलाना था. लेकिन पीछे से ही कम पानी की आवक को लेकर किसानों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है. 

ऐसे में निर्णय लिया गया है कि फिलहाल नहरों में 1700 क्यूसेक पानी छोड़ने के साथ ही 14 दिसंबर से 31 दिसंबर तक 4 में से 2 ग्रुप चलाए जाएंगे. जिससे किसानों को 8.5-8.5 दिनों के अंतराल 4 में से 2 समूहों को पानी मिलेगा यानी अब 25 जगह 17 दिन में दुबारा पानी मिलेगा. हमारे हिस्से का पानी लगभग 24 से 36 घंटे में हम तक पहुंच जाएगा.

पानी पूरा पहुंचने तक आंदोलन पर रहेंगे किसान

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से नहरों में बहुत कम पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे किसानों के सामने रबी की फसलों को लेकर परेशानी खड़ी हो गई है और किसानों ने बीते दिनों महापड़ाव भी किया था, पानी पूरा पहुंचने तक किसान आंदोलन पर रहेंगे.

यह भी पढ़ें- नहर में पानी को लेकर किसानों का महापड़ाव, कहा, 'समस्या से बेपरवाह हैं अधिकारी'

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