
Corruption charges against government officer: चूरू में पीएचईडी विभाग में एक्सईएन गोविन्द शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का मामला गरमा गया है. इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मारुती मिश्र दंपत्ति ने कार्रवाई की मांग करते हुए आत्मदाह की चेतावनी की भी दी. आज (19 मार्च) उसकी मियाद खत्म हो रही है, लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है. इसी दौरान 3 करोड़ से ज्यादा का फर्जी भुगतान भी उजागर हो चुका है. आरोप है कि इसके बाद विभाग ने एक दर्जन प्रकरणों की जांच दबा दी.
अधिकारी के खिलाफ करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले में एसीबी में FIR भी दर्ज हो चुकी है. वहीं, कार्रवाई नहीं होने पर मारूति कुमार मिश्र दंपत्ति ने 20 से 26 मार्च के बीच आत्मदाह की बात कही थी. इस चेतावनी को बाकयदा उन्होंने शपथ पत्र के साथ सरकार को भेजा था.
14 फरवरी को हुआ एपीओ, कोर्ट ने निरस्त किया था आदेश
मिश्र दंपत्ति भ्रष्टाचार के मामलों पर राज्य और केन्द्र सरकार से कई बार गुहार लगा चुके हैं. हालांकि 14 फरवरी को एक्सईएन को एपीओ कर दिया गया था, लेकिन इस आदेश को कोर्ट ने निरस्त कर दिया था. साथ ही विभाग को प्रकरण में कारणों सहित नए आदेश निकालने की छूट दी. लेकिन पीएचईडी ने गोविन्द शर्मा प्रकरण में नए आदेश नहीं निकाले और 10 फरवरी को गोविन्द शर्मा ने फिर से उसी पद पर ज्वॉइन भी कर लिया. जबकि 17 मार्च की विभागीय जांच रिपोर्ट में भी एक्सईएन गोविन्द शर्मा को फील्ड पोस्टिंग से हटाने के साथ ही कार्रवाई की सिफारिश की जा चुकी है.
विभाग पर खड़े हो गए सवाल!
इससे पहले भी 16 सीसी के मामले में गोविन्द शर्मा के खिलाफ चार्जशीट भेजी जा चुकी है. करोड़ों के भ्रष्टाचारों के 11 प्रकरणों में विभागीय जांच के आदेश हो चुके हैं. विभागीय अधिकारियों को इस मामले की जानकारी होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद विभाग पर ही सवाल खड़े हो गए हैं.
सवाल यह है कि गोविन्द शर्मा के खिलाफ स्वीकृत होने के बावजूद भी एक दर्जन विभागीय जांच पेंडिंग क्यों हैं? साल 2022 में भी भ्रष्टाचार के मामले में 2 बार सस्पेंड और करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले में एसीबी में दर्ज केस के बावजूद भी कार्वाई क्यों नहीं हो रही है?
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