अफीम नीति में संशोधन की मांग को लेकर अफीम किसानों शुक्रवार को दिल्ली के जंतर- मंतर पर पहुंच कर प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बैनर तले किया जा रहा है. किसानों की मांग है कि, 2008 से आज तक अफीम की खेती के लिए साल 1997-98 में कटे पट्टों को बहाल किया जाए. अफीम किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा 13 सितंबर को जारी की गई अफीम नीति 2023-24 में संशोधन कर साल 1997-98 में छपी हुई लिस्ट के सभी अफीम पट्टे लुवाई चिराई के अधिकार के साथ बहाल करने और सीपीएस पद्धति को समाप्त करने की मांग की.
प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार को ज्ञापन भी भेजा है. भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक मांगीलाल मेघवाल बिलोट ने कहा कि, अगर केंद्र सरकार ने अगले सप्ताह तक नई अफीम नीति में संशोधन नहीं किया तो मध्यप्रदेश के मंदसौर में राजस्थान, मध्य प्रदेश के अफीम खेती से जुड़े किसान बड़ा प्रदर्शन करेंगे.
भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति के संरक्षक मांगीलाल मेघवाल बिलोट, राष्ट्रीय अध्यक्ष नरसिंह दास बैरागी, कोषाध्यक्ष भोपाल सिंह चौहान, समिति सचिव भैरूलाल चिकसी समेत 31 सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचकर पहले तो धरना-प्रदर्शन किया फिर केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन प्रेषित किया.
गुरुवार शाम दिल्ली रवाना होने से पहले अफीम किसानों ने संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संरक्षक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर पीयूष समारिया के मार्फत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री एवं वित्त राज्य मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंप कर अफीम नीति साल 2023-24 में संशोधन करने की मांग की थी.
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