Dholpur News: पूर्वी राजस्थान के धौलपुर जिले में बारिश ने तबाही मचा दी है. बांध, नदियां, तालाब और पोखर सभी पानी से लबालब हो गए हैं. जिले के करौली और डांग क्षेत्र से पानी की आवक ज्यादा होने के कारण सिंचाई विभाग ने पार्वती बांध के चार गेट फिर से खोलकर करीब 4400 क्यूसेक पानी पार्वती नदी में छोड़ा है. इससे करीब 50 गांव पर बाढ़ का संकट छाने लगा है.
पार्वती बांध का जलस्तर बढ़ा
इस मामले में जल संसाधन विभाग के एक्सईएन राजकुमार सिंघल ने बताया कि इन इलाकों में हो रही तेज बारिश के कारण पार्वती बांध में पानी पहुंच रहा है. इससे पार्वती बांध का जलस्तर बढ़ गया है. बांध की क्षमता 223.41 मीटर है. फिलहाल पानी 223.20 मीटर पर पहुंच गया है. गेज को बनाए रखने के लिए बांध का 21 सेंटीमीटर हिस्सा खाली रखा गया है. ताकि संतुलन बना रहे.एक्सईएन सिंघल ने आगे बताया कि यहां गुरुवार को दिन और रात में तेज बारिश हुई. जिसके कारण जलस्तर काफी बढ़ रहा है. इसके कारण गुरुवार रात को शुरुआत में 6 गेट खोलकर पानी छोड़ा गया. लेकिन शुक्रवार तड़के सुबह दो गेट बंद कर दिए गए हैं.वर्तमान समय में चारों गेट को दो-दो फीट खोलकर पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है.
गेज मेंटेन करना जरूरी
एक्सईएन राजकुमार सिंगला ने बताया कि पार्वती बांध की भराव क्षमता 223.41 मीटर है, जलस्तर 223.20 हो गया है, सिर्फ 21 सेंटीमीटर खाली रखा गया है.गेज को बनाए रखने के लिए इसे भी खाली छोड़ा गया है. क्योंकि रिकॉर्ड तोड़ बारिश होने पर भराव क्षमता से अधिक होने पर गेज को बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए इसे 21 मीटर तक स्थिर रखा गया है. इससे अधिक होने पर अन्य गेट भी खोलकर पानी छोड़ा जाता है.
साल 2021 में बिगड़े थे हालात
गौरतलब है कि साल 2021 में धौलपुर जिले में पार्वती बांध से हालात बिगड़े थे.करौली और धौलपुर जिले में हुई बारिश ने तत्कालीन समय में महज 2 दिन के अंदर बांध को लबालब भर दिया था. उस समय पानी की अधिक आवक होने पर 18 गेट खोलकर पानी रिलीज किया गया था. तत्कालीन समय पर बसेड़ी, बाड़ी,सैंपऊ एवं धौलपुर उपखंड के करीब 50 गांव 50 बाढ़ से प्रभावित हुए थे.
खतरा अभी भी बरकरार
कहा जा रहा है कि जिस अनुपात में बारिश हो रही है उसे जिलों के इलाकों में बाढ़ का खतरा अभी भी बना हुआ है. हालांकि अभी बांध के चार गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है. इससे अधिक गेट खोले जाते हैं तो करीब 50 गांव पर बाढ़ का संकट आ सकता है. हालतों को लेकर फिलहाल जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. उन्होंने पार्वती नदी के आसपास बसे गांव की पंचायत के पटवारी, सचिव एवं सरपंचों को निगरानी रखने के लिए निर्देश दिए है.
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