
Rajasthan News: धौलपुर के सरकारी दफ्तरों के साथ-साथ घरेलू, कॉमर्शियल, कृषि के साथ अन्य उपभोक्ताओं ने बिजली तो जला ली, लेकिन बिलों का भुगतान करना भूल गए. ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ धौलपुर विद्युत निगम इन दिनों वसूली अभियान चला रहा है, जिसमें विद्युत निगम डिफॉल्टरों के खिलाफ नोटिस जारी कर निगम की राशि हासिल करने में लगा हुआ है. लेकिन राशि 286 करोड़ रुपये होने पर निगम के अधिकारियों को राशि वसूलने में पसीने छूट रहे है, जिसमें सबसे अधिक राशि के डिफॉल्टर सरकारी दफ्तर है.
अधीक्षण अभियंता बीएस गुप्ता ने बताया शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में उपभोक्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर निगम द्वारा राशि वसूल की जा रही है या फिर विद्युत ट्रांसफॉर्मर उतार कर कनेक्शन काटे जा रहे हैं और राशि जमा कराने के लिए नोटिस भी दिए जा रहे हैं, लेकिन जिले के सरकारी विभाग भी निगम की बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं. जिसे लेकर विद्युत निगम ने नोटिस जारी कर सरकारी दफ्तरों के विद्युत कनेक्शन काटने की कवायद शुरू करेगा. राजस्थान में विद्युत निगम घाटे के दौर से गुजर रहा है. लेकिन सरकारों द्वार फ्री बिजली घोषणा के बावजूद भी उपभोक्ता बिल नहीं जमा करा रहे हैं.
उपभोक्ताओं पर 265 करोड़ रुपये हैं बकाया
उन्होंने बताया जिले में कुल एक लाख 81 हजार उपभोक्ता हैं, जिनमें से 1 लाख 43 हजार 525 उपभोक्ता नियमित हैं. एनडीएस उपभोक्ता आठ हजार 251 हैं, कृषि उपभोक्ता दस हजार 769 हैं और कटे हुए पीडीसी कनेक्शन 37 हजार 842 हैं. इन पर निगम का 265 करोड़ रूपये बकाया हैं.
अब तक काटे गए 310 उपभोक्ताओं के कनेक्शन
वहीं चौंकाने वाली बात यह है कि, जिले के 14 सरकारी विभागों पर 21 करोड़ रुपये बकाया हैं और बजट के अभाव में यह विभाग भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. इसके साथ-साथ जो कनेक्शन कटे हुए हैं और डीसी,पीडीसी कनेक्शन हैं उन पर बकाया राशि वसूलने के लिए निगम ने 14 टीमें गठित कर दी हैं. उनको नोटिस सर्व करा दिए हैं और जो उपभोक्ता पैसा जमा नहीं करा रहे उनके कनेक्शन काट कर ट्रांसफार्मर उतारने की कार्रवाई अमल में लायी जा रही हैं और अब तक 310 उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे गए हैं.
14 सरकारी विभागों को सात दिन का नोटिस
विद्युत निगम ने जिले के 14 सरकारी विभागों से बिजली का बिल वसूलने के लिए सात दिन का नोटिस जारी किया हैं.निगम के मुताबिक़ सात दिन में अगर यह पैसे जमा नहीं कराएंगे तो इनके कनेक्शन काटे जाएंगे. यह राशि सरकारी महकमों पर लम्बे समय से बकाया चली आ रही है. देखने वाली बात यही है कि विद्युत निगम आम उपभोक्ता के खिलाफ तो कार्रवाई कर रहा है. लेकिन सरकारी विभागों से राशि कैसे वसूल की जायेगी यह 31 मार्च तक ही तय होगा.