ऐसे बच्चे जिनके साथ कोई क्राइम हो रहा हो या जो किसी मुसीबत में फंसे हो या वह बच्चे जो अपने परिजनों को जानकारी नहीं देना चाहते, उनकी सहायता के लिए प्रदेश में बाल अधिकारिता विभाग द्वारा नवाचार (इनोवेशन) के रूप में बाल हक ई-बॉक्स स्थापित किए जा रहे है. ऐसे पत्रक का प्रचार-प्रसार के लिए बुधवार को अजमेर जिला कलेक्टर डॉ भारती दीक्षित ने पत्रक का विमोचन किया.
प्रदेश में बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध को लेकर बाल अधिकारिता विभाग थानों, स्कूलों व अन्य संस्थानों पर क्यूआर कोड कोड लगाएगी, जिसकी सहायता से बच्चें आसानी से अपनी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेंगे.
बाल अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक संजय सावलानी ने बताया कि 18 वर्ष से कम आयु के बालक-बालिकाओं की सहायता के लिए बाल अधिकारिता विभाग द्वारा "बाल हक ई-बॉक्स" पहल का आरम्भ किया गया है. बाल हक ई-बॉक्स के माध्यम से कोई भी बच्चा या व्यक्ति अपनी शिकायत ई-मेल पर विभाग को प्रेषित कर सकता है.
बाल अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक संजय सावलानी ने बताया कि यह जानकारी सीधे जयपुर हेड ऑफिस पहुंचेगी. फिर वहां से सम्बन्धित जिले को यह शिकायत भेजी जाएगी, जिस पर विभाग द्वारा पुलिस, जिला बाल संरक्षण इकाई और चाईल्ड लाईन 1098 के माध्यम से समुचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी.
पीड़ित की शिकायत पूरी तरह गोपनीय रहेगी. इसमें शारीरिक उत्पीड़न, मारपीट, बाल यौन दुर्व्यवहार, उपेक्षा-भेदभाव, नशीली दवाओं और पदार्थों का विक्रय, बाल विवाह और बाल श्रम की शिकायत की जा सकेगी.
यह नवाचार एक तरह से शिकायत बॉक्स को ऑनलाइन बॉक्स में तब्दील करने जैसा है, जहां बच्चों को अपनी शिकायत से जल्द से जल्द छुटकारा मिल सकेगा.
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