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राजस्थान में शिक्षा गुणवत्ता और विभागीय योजानाओं की निगरानी के लिए नियुक्त किये गए जिला प्रभारी, यहां देखें लिस्ट

जिला प्रभारी अपने-अपने प्रभारित जिले में प्रतिमाह दो दिवसीय दौरा कर राजकीय विद्यालयों का अवलोकन करेंगे, जिसमें जिले में संचालित एक आवासीय विद्यालय भी शामिल होगा.

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राजस्थान में शिक्षा गुणवत्ता और विभागीय योजानाओं की निगरानी के लिए नियुक्त किये गए जिला प्रभारी, यहां देखें लिस्ट

Rajasthan News: राजस्थान में शिक्षा का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है. वहीं प्रदेश में शिक्षा गुणवत्ता को ठीक करने और इसे सुगम बनान के लिए शासन सचिव ने बड़ा फैसला लेते हुए शिक्षा गुणवत्ता और विभागीय योजानाओं की निगरानी के लिए जिला प्रभारी नियुक्त किये गए हैं. शासन सचिव, स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल ने आदेश जारी कर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए संचालित विभिन्न कार्यक्रम एवं महत्वपूर्ण विभागीय योजनाओं की प्रगति तथा शासकीय नीति निर्देशों की क्रियान्विति के सतत् पर्यवेक्षण के लिए प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों को जिला प्रभारी नियुक्त किया है.

जिला प्रभारी अपने-अपने प्रभारित जिले में प्रतिमाह दो दिवसीय दौरा कर राजकीय विद्यालयों का अवलोकन करेंगे, जिसमें जिले में संचालित एक आवासीय विद्यालय भी शामिल होगा.

इनकी हुई नियुक्ति

विशिष्ट शासन सचिव, स्कूल शिक्षा चित्रा गुप्ता को राजसमन्द, आयुक्त मिड-डे मील विश्व मोहन शर्मा को भरतपुर, निदेशक साक्षरता एवं सतत् शिक्षा विभाग मेघराज रत्नू को झुन्झुनू, संयुक्त शासन सचिव, शिक्षा (ग्रुप-2) मनीष गोयल को जोधपुर, शासन उप सचिव, प्रारम्भिक शिक्षा (संस्थापन) विभाग संजय माथुर को अजमेर, अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक-प्रथम श्रीमती पूनम प्रसाद सागर को सीकर, अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक-द्वितीय सुरेश कुमार बुनकर को बांसवाड़ा, अतिरिक्त निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा, आर.एस.चौहान को डूंगरपुर, अतिरिक्त निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, श्रीमती प्रतिभा देवठिया को बीकानेर, निदेशक, राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् श्रीमती कविता पाठक को प्रतापगढ़, वित्तीय सलाहकार, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् सुशील शर्मा को जैसलमेर, उपायुक्त-राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् श्रीमती एकता काबरा को बून्दी, उपायुक्त-राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् श्रीमती निशा को अलवर, उपायुक्त-स्कूल शिक्षा परिषद् श्रीमती सावित्री शर्मा को टोंक, उपायुक्त-स्कूल शिक्षा परिषद् निशु कुमार अग्निहोत्री को बाड़मेर, उपायुक्त-स्कूल शिक्षा परिषद् श्रीमती ओम प्रभा को सवाईमाधोपुर, सचिव, राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मण्डल मूलचन्द को जालौर, विशेषाधिकारी, शिक्षा ग्रुप-1 बी.के. गुप्ता को दौसा, अतिरिक्त आयुक्त, मिड डे मील रामस्वरूप मीणा को बारां, मुख्य लेखाधिकारी, राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् श्रीमती मधु को भीलवाड़ा, उपायुक्त, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् रेखा गुर्जर को पाली, अतिरिक्त निदेशक, साक्षरता एवं सतत् शिक्षा स्नेहलता हारित को कोटा, वित्तीय सलाहकार, निदेशालय माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर संजय धवन को सिरोही, निदेशक, सीमेट, गोनेर  रामलाल गुर्जर को झालावाड़ विशेषाधिकारी, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नीतू यादव को नागौर, वरिष्ठ लेखाधिकारी, स्कूल शिक्षा (ग्रुप-5) भावना संतानी को उदयपुर, अनुसंधान अधिकारी, प्रारम्भिक शिक्षा (आयोजना) गिरिराज प्रसाद गुप्ता को चित्तौड़गढ़, ऐसोशिएट प्रोफेसर, सीमेट, गोनेर श्रीमती रचना शर्मा को करौली, ऐसोशिएट प्रोफेसर, सीमैट, गोनेर राधेश्याम शर्मा को चूरू, मुख्य लेखाधिकारी, राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मण्डल मनोज गर्वा को धौलपुर, मुख्य लेखाधिकारी, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा राजस्थान कमल कुमार गोयल को श्रीगंगानगर एवं वरिष्ठ लेखाधिकारी, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् को हनुमानगढ़ का प्रभारी नियुक्त किया गया है.

समय सीमा पर करें फोकस

वहीं, राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् अविचल चतुर्वेदी ने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता एवं कार्यों की समय सीमा का ध्यान रखें तथा शिक्षा निदेशालय सहित अन्य प्रकोष्ठों से समन्वय से कार्य करें. उन्होंने समय पर कार्यालयों में उपस्थित होने तथा ई-फाइल समय पर निस्तारित करने के निर्देश दिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई भी पत्रावली बिना कारण के लम्बित नहीं रहे.  विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान नवाचार एवं कमजोर पक्ष की भी रिपोर्ट करें. विद्यार्थी डायरी की गुणवत्ता ठीक हो तथा समय पर वितरण सुनिश्चित करें. विद्यालयों में खेल सामग्री की भी खरीद मॉनिटरिंग करें. 

शिक्षकों के क्षमता संवर्द्धन व प्रशिक्षण के लिए आर.ई.आई. पार्टनर्स के साथ समन्वय स्थापित कर संसाधन बढ़ाए जाए. विद्यार्थियों की प्रदेश व अन्य प्रदेशों की एक्सपोजर विजिट को प्रभावी एवं रूचिकर बनाने के लिए मार्ग में पड़ने वाले विशेष स्थानों तथा यात्रा स्थल के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए. राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विद्यार्थियों के अक्षर ज्ञान एवं संख्या ज्ञान पर विशेष फोकस है, इसलिए बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान कार्यक्रम के लिए विशेष कार्य योजना बनाकर कार्य किया जाए.

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