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Rajasthan: जल जीवन मिशन घोटाला मामले में तीसरी गिरफ्तारी, कोर्ट ने महेश मित्तल को ED हिरासत में भेजा

एजेंसी की जांच में पाया गया कि पदमचंद जैन और अन्य लोग अवैध संरक्षण प्राप्त करने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने और पीएचईडी से प्राप्त विभिन्न टेंडर के संबंध में उनके द्वारा निष्पादित कार्यों में अनियमितताओं को छिपाने के लिए लोक सेवकों को रिश्वत देने में शामिल थे.

Rajasthan: जल जीवन मिशन घोटाला मामले में तीसरी गिरफ्तारी, कोर्ट ने महेश मित्तल को ED हिरासत में भेजा

Rajasthan News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना (Jal Jeevan Mission Yojana) में कथित अनियमितताओं से संबंधित धनशोधन जांच (Money Laundering) के सिलसिले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल (Mahesh Mittal) को बुधवार को हिरासत में लिया गया. मित्तल को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 24 जून तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया गया.

केंद्रीय एजेंसी ने इस सप्ताह की शुरुआत में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन को गिरफ्तार किया था. केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी जल जीवन मिशन (जेजेएम) योजना का लक्ष्य घरों में नलों के जरिए पेयजल उपलब्ध कराना है और राजस्थान में इस योजना का क्रियान्वयन राज्य का लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचई) विभाग कर रहा है. ईडी ने इस मामले में सबसे पहले फरवरी में पीयूष जैन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था.

क्या है राजस्थान का जल जीवन मिशन घोटाला

  • जयपुर स्थित ठेकेदारों पर भ्रष्ट तरीकों से राजस्थान के PHED विभाग से ठेके हासिल करने का आरोप
  • ठेकेदारों ने अधिकारियों को घूस दी और दूसरे ठेकों के जाली कम्प्लीशन सर्टिफिकेट जमा कराए
  • जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की घरों में नल से स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराने की योजना
  • राज्यों में PHED पर योजना का पालन करवाने की ज़िम्मेदारी
  • राज्य सरकार की एसीबी के बाद अब सीबीआई और ईडी कर रही है जांच
  • ईडी ने अब तक तीन लोगों को किया गिरफ़्तार
  • PHED के कई वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व मंत्री महेश जोशी और आईएएस अधिकारी सुबोध अग्रवाल भी जांच के घेरे में
  • अब तक 11.03 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त
  • लगभग 900 करोड़ रुपये का घोटाला

एजेंसी की जांच में पाया गया कि पदमचंद जैन और अन्य लोग अवैध संरक्षण प्राप्त करने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने और पीएचईडी से प्राप्त विभिन्न टेंडर के संबंध में उनके द्वारा निष्पादित कार्यों में अनियमितताओं को छिपाने के लिए लोक सेवकों को रिश्वत देने में शामिल थे.

जल जीवन मिशन के 900 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में एसीबी, ईडी और सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही हैं. इस मामले में ED ने 2023 सितंबर में जयपुर और अलवर में नौ जगह छापे मारे थे. जिसमें महेश मित्तल प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बढ़ाया, कल्याण सिंह कविया, विशाल सक्सैना, माया लाल सैनी, पद्म चंद जैन, तहसीलदार सुरेश शर्मा और अमिताभ कौशिक के यहां सर्च अभियान चलाया था. अभियान में 2,50, लाख नगद एक किलो सोने की ईंट और करोड़ों की प्रॉपर्टी के काग़ज़ात और कुछ अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम से लेन देन के काग़ज़ात मिले थे.

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