
Eid-2025: रमजान पर अजमेर दरगाह दीवान के बेटे सैयद नसरुद्दीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रमजान के अवसर पर भेजी गई 'सौगात ए मोदी' किट की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस सौगात से जरूरतमंद मुसलमानों को राहत मिली है. उन्होंने कहा कि इस पहल से पीएम मोदी को उन जरूरतमंदों की दुआएं मिलेंगी. इससे यह पता चलता है कि वे मुसलमानों के त्योहारों में बराबर शरीक होते हैं.
"वक्फ बिल में संशोधन की जरूरत"
वक्फ बिल को लेकर पूछे गए सवाल पर सैयद नसरुद्दीन ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि लोगों की दरगाहें या मस्जिदें छिन जाएंगी. उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है. इस बिल में संशोधन की जरूरत है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है. सरकार ने इस बिल को जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के पास भेजा है, और सभी पक्षों को सुना गया है. उन्होंने विश्वास जताया कि इस बिल के लागू होने से पारदर्शिता बढ़ेगी, वक्फ की जमीनों पर हुए अतिक्रमण को हटाया जाएगा, और संपत्तियों का किराया भी बढ़ेगा, जिससे वक्फ की संपत्तियों का सही उपयोग हो सकेगा.
"पीएम मोदी की यह पहल काबिल-ए-तारीफ"
गद्दीनशीन अजमेर दरगाह और चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हाजी सलमान चिश्ती ने भी तारीफ की थी. उन्होंने कहा था, "बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने सौगात-ए-मोदी की जो शुरुआत की है, वह सराहनीय है. पीएम मोदी की तरफ से देश के 32 लाख परिवारों को ईद की सौगात दी जा रही है, यह काबिल-ए-तारीफ है. हमारे देश में यही सिखाया जाता है, सभी एक परिवार हैं और सभी को एक-दूसरे का ख्याल रखना है. 'सौगात-ए-मोदी' देना कश्मीर से कन्याकुमारी तक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है. देश के जिम्मेदार नेता इसी तरह से सभी का ख्याल रखें. जब भी पर्व आए, तो सभी एक-दूसरे का साथ दें."
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