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Dausa News: राजस्थान में भाजपा की जीत के बाद पार्टी के कई विधायक एक्शन मोड में नजर आए. बात चाहे राजधानी जयपुर की हवामहल सीट से जीते बाल मुकुंदाचार्य की करे या फिर दौसा जिले की बांदीकुई सीट से जीते भागचंद टाकड़ा की. इन दोनों के अलावा पार्टी के और भी कई विधायकों ने अपने-अपने तरीके से विधि-व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश करते नजर आए. इस कोशिश में वो आम लोगों के साथ-साथ सरकारी कर्मियों को हड़काते भी नजर आए. उनकी चेतावनियों का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था. लेकिन विधायकों की इस सख्त चेतावनी का अभी तक कोई असर होता नजर नहीं आया है.
हवामहल से जीते बाल मुकुंदाचार्य ने तो विवाद के बाद अपनी चेतावनी को हल्का कर दिया. लेकिन दूसरी ओर सरकारी कर्मियों को हड़काने वाले बांदीकुई विधायक भागचंद टाकड़ा (Bandikui MLA Bhagchand Takra) की चेतावनी अभी तक बेअसर साबित होती नजर आई है. दरअसल चुनाव जीतने के बाद 5 दिसंबर को बांदीकुई विधायक भागचंद टाकड़ा ने उपजिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान अस्पताल में फैली गंदगी, कर्मियों की लेटलतीफी को लेकर उन्होंने डॉक्टर सहित कर्मियों को कड़ी फटकार लगाई थी.
विधायक की चेतावनी के बाद भी कर्मियों की लेटलतीफी जारी
टाकड़ा ने यहां तक कहा था कि राज बदल गया है, 10 दिन में सुधर जाओ या कोई और जगह देख लो. भाजपा विधायक की इस चेतावनी के बाद लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब अस्पताल में उन्हें सही सुविधाएं मिलेंगी. लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हो सका.
विधायक की चेतावनी के बाद भी अस्पताल में कार्मियों की लेटलतीफी का सिलसिला जारी है. गुरुवार को उप जिला अस्पताल बांदीकुई में शिशुओं के टीकाकरण अभियान की प्रभारी महिला नर्सिंग कर्मी बीना मीना के रवैया और लेटलतीफी की वजह से दर्जनों मरीजों के साथ बच्चों को परेशानी झेलनी पड़ी.
इस दौरान एक महिला मरीज द्वारा देरी से आने की शिकायत करने पर महिला नर्सिंग कर्मी बीना मीना बुरी तरह बिफर गई. उन्होंने कई तरह के गंभीर आरोप लगाए और हंगामा खड़ा कर दिया. करीब 1 घंटे तक वे जोर-जोर से चिल्लाती रही और सबको अपनी परेशानी बताती रही. वे इस दौरान कहती रही कि वह दौसा से ट्रेन से आती है और ट्रेन लेट होने की वजह से वह लेट हो गई. इस दौरान बीना मीना ने यह भी कहा कि मैं ही नहीं अस्पताल के कई और कर्मचारी लेट से आते हैं.
नर्स ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया पक्षपात का आरोप
वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन भी बीना मीना के इस रवैये से खफा हो गया और उन्होंने एक कमेटी का गठन कर दिया. हालांकि टीकाकरण अभियान की प्रभारी महिला नर्सिंग कर्मी बीना मीना ने भी अस्पताल प्रशासन पर पक्षपात करने के गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अस्पताल में कई कर्मचारी देरी से आते हैं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. मेरे साथ अन्याय किया जा रहा है. मुझे आत्महत्या के लिए उकसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मेरी घर पर कई जिम्मेदारी है. जिनका मैं निर्वहन करती हूं. लेकिन अस्पताल प्रशासन मेरे साथ सौतेला व्यवहार करता है.
आस-पास के कई सेंटरों में टीकाकरण के लिए कर्मचारी मौजूद है लेकिन उनसे काम नहीं लिया जाता है. बालाजी इस पर अस्पताल प्रभारी डॉक्टर अशोक गुर्जर की कहा कि उनकी देरी तैयारी की शिकायत लगातार आती रही है इससे पहले भी एक कमेटी का गठन कर दिया जिसमें दो सीनियर डॉक्टर के अलावा एक सीनियर नर्सिंग महिला कर्मचारी को शामिल किया गया था.
उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य और राष्ट्रीय स्तर की है और टीकाकरण होना जरूरी है लेकिन अक्सर महिला नर्सिंग कर्मी बीना मीना की शिकायत आती रही है और हम उन्हें चेतावनी भी देते रहे हैं लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ है.
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