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Gora Badal Movie: राजस्थान में बन रही 'पद्मावत' जैसी एक और फिल्म, एक्टर गौरव देवासी बोले- करनी सेना का भी है पूरा समर्थन

Gaurav Dewasi Rajasthani Actor: गौरव देवासी ने अपने करियर के लिए राजस्थानी सिनेमा को चुना, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है. उन्होंने हमसे खास बातचीत में अपनी नई फिल्म 'गोरा बादल' और अपने अब तक के सफर के बारे में कई बातें साझा कीं.

Gora Badal Movie: राजस्थान में बन रही 'पद्मावत' जैसी एक और फिल्म, एक्टर गौरव देवासी बोले- करनी सेना का भी है पूरा समर्थन
गोरा बादल की शूंटिंग करते समय गौरव देवासी

Gora Badal Rajasthani Movie: फिल्म ‘पद्मावत' को लेकर राजस्थान में करणी सेना का विरोध आज भी कई लोगों को याद है, लेकिन अब उसी कहानी पर एक और फिल्म आ रही है. इस बार माहौल एकदम अलग है. राजस्थान के गौरव को पर्दे पर उतारने वाली फिल्म 'गोरा बादल' को न सिर्फ दर्शकों का प्यार मिलने की उम्मीद है, बल्कि इसे करणी सेना का भी पूरा समर्थन मिल रहा है. पाली के एक छोटे से गांव से निकलकर बॉलीवुड और राजस्थानी सिनेमा में अपनी पहचान बनाने वाले अभिनेता गौरव देवासी इस फिल्म में एक अहम किरदार में नजर आएंगे. 'पद्मावत' के बाद यह दूसरी बार है जब राजस्थान के वीर योद्धाओं की कहानी को बड़े पर्दे पर जीवंत किया जा रहा है. यह फिल्म दीवाली से पहले रिलीज होगी और माना जा रहा है कि यह राजस्थान की संस्कृति और गौरव को एक नए सिरे से दुनिया के सामने पेश करेगी.

सवाल: 'गोरा बादल' में आपका किरदार क्या है और यह कितना चुनौतीपूर्ण था?

गौरव: 'गोरा बादल' में मैं दोहरी भूमिका में हूं. एक किरदार नेगेटिव रोल में है, जिसका नाम 'अलदीन' है. जो अलाउद्दीन खिलजी का साला है. दूसरा गोरा ( जिसपर फिल्म है)  फिल्म में एक सीन है, जब अलाउद्दीन शिकार के लिए जाता है. रात में एक महफिल चल रही होती है, और रानी पद्मावती के कहने पर मेरा किरदार चालाकी से अलाउद्दीन को तीर से घायल कर देता है. इस हमले से वह बुरी तरह जख्मी हो जाता है. बाद में वह धोखे से रावल रतन सिंह को अपने महल में बुलाकर बंदी बना लेता है और गोरा बादल को संदेश भेजता है कि अगर वे रानी पद्मावती को लाएंगे तो ही वह राजा को छोड़ेगा .इस संकट से निपटने के लिए गोरा बादल एक रणनीति अपनाते हैं. उनकी पालकियों में रानी की जगह वेश बदलकर गोरा होता है. गोरा और अन्य राजपूत योद्धा खिलजी की सेना पर टूट पड़ते हैं और रावल रतन सिंह को सुरक्षित दुर्ग तक पहुंचाते हैं. इस युद्ध में गोरा और बादल वीरगति को प्राप्त होते हैं, जिससे उनकी वीरता अमर हो जाती है.

शूटिंग के दौरान गौरव देवासी

शूटिंग के दौरान गौरव देवासी
Photo Credit: NDTV

सवाल: राजपूत योद्धाओं का किरदार निभाना कितना मुश्किल रहा?

गौरव: ऐतिहासिक किरदारों के साथ न्याय करना बहुत जरूरी होता है. गोरा बादल राजस्थान के ऐसे महान योद्धा थे जिन्होंने अपनी महारानी और राजा को बचाने के लिए अपनी जान दे दी थी. इसलिए इस किरदार के लिए मुझे काफी तैयारी करनी पड़ी. हमने कॉस्ट्यूम से लेकर फेशियल एक्सप्रेशन तक हर छोटी-बड़ी चीज पर ध्यान दिया, ताकि कहानी को जीवंत बनाया जा सके. फिल्म में चार मुख्य किरदारों-अलाउद्दीन खिलजी, अलदीन, गोरा और बादल-पर खास ध्यान दिया गया है.


सवाल: बॉलीवुड से रीजनल सिनेमा में काम करने पर किन किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

गौरव: सच कहूं तो रीजनल सिनेमा में बॉलीवुड की तुलना में ज़्यादा चुनौतियां हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि राजस्थानी भाषा को अभी तक संवैधानिक मान्यता नहीं मिली है. इसी वजह से हमें फंडिंग और डिस्ट्रीब्यूशन जैसी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बॉलीवुड की तरह लोग राजस्थानी फिल्मों को इतनी अहमियत नहीं देते. राजस्थान में ही कई बोलियां हैं, जैसे हाड़ौती, शेखावाटी और मारवाड़ी, जिससे दर्शक अपनी पसंद की फिल्म चुनने में झिझकते हैं. इसलिए, हम हिंदी और राजस्थानी का मिश्रण करते हैं, जिससे फिल्म की पहुंच और सफलता दोनों बढ़ती हैं.

युद्ध का सीन शूट करते हुए कलाकार

युद्ध का सीन शूट करते हुए कलाकार
Photo Credit: NDTV


सवाल: 'पद्मावत' के समय करणी सेना ने काफी विरोध किया था, जबकि आपकी फिल्म की कहानी भी वैसी ही है. इस पर करणी सेना की क्या प्रतिक्रिया है?

गौरव: हमें 'गोरा बादल' के लिए करणी सेना का पूरा समर्थन मिला है. जब हम चित्तौड़गढ़ किले में शूटिंग कर रहे थे, उस समय करणी सेना के कुछ सदस्य सेट पर आए थे. उन्होंने गोरा बादल के किरदार को देखा और हमारे निर्देशक से बात की. उन्हें इस बात से तसल्ली मिली कि यह फिल्म राजस्थानी संस्कृति के साथ छेड़छाड़ नहीं कर रही, बल्कि उसे सम्मान दे रही है और बढ़ावा दे रही है. उनकी एकमात्र मांग यह थी कि फिल्म में राजपूतों के शौर्य और उनकी ऐतिहासिक गाथा को गरिमा के साथ दिखाया जाए, और हम इसी बात का पूरा ध्यान रख रहे हैं.

सवाल: इस फिल्म की शूटिंग राजस्थान के किन-किन ऐतिहासिक स्थलों पर हुई है?

गौरव: फिल्म की शूटिंग चित्तौड़गढ़ फोर्ट, उसके पास के बस्सी फोर्ट और डीफोर्ट में हुई है. 'पद्मावत' फिल्म की शूटिंग ज्यादातर किले के बाहर हुई थी, लेकिन हमने 'गोरा बादल' की शूटिंग चित्तौड़गढ़ किले के अंदर की है. इसके जरिए दर्शक हमारी विरासत, राजसी ठाठ-बाट और ऐतिहासिक पलों के खुद गवाह बन सकेंगे. स्थानीय लोगों और वहां के राजा साहब ने भी हमें किले के अंदर शूटिंग की अनुमति दी. उनका कहना था कि जब तक हम उनकी विरासत को कायम रखेंगे, उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी.

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