Lord Krishna Wedding: देश में इन दिनों शादी का सीजन चल रहा है. मौजूदा समय में शादी को यादगार बनाने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं. लेकिन एक ऐसा शादी का मामला सामने आया है, जिसे जानकर हर कोई हैरान है. दरअसल, उत्तर प्रदेश के बरसाना में 26 वर्षीय युवती रुक्मणि ने भगवान श्री कृष्ण के विग्रह के साथ में विवाह किया है. मान मंदिर से भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को दूल्हे के रूप में सजाकर गाड़ी के माध्यम से युवती के गांव पहुंचे. जहां गांव में भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को रथ में बैठाकर गाजे बाजे के साथ गांव में बारात लेकर युवती के घर पहुंचे.
विवाह के मंडप में गोधूलि बेला पर गांव की रुक्मणि के साथ श्री कृष्ण भगवान की प्रतिमा के साथ फेरा पड़े और पूरे विधि विधान से विवाह सम्पन्न हुआ. इस विवाह में आसपास के बड़ी संख्या में साधु संतों के साथ लोग शामिल हुए साथ ही ग्रामीण बड़ी संख्या कन्यादान करने के लिए उमड़ पड़े.
रुक्मणि भगवान कृष्ण को समर्पित किया जीवन
बरसाना निवासी सुनील शर्मा ने बताया कि अरहेरा गांव निवासी परमानंद की पुत्री रुक्मणि को भगवान श्री कृष्ण के प्रति गहरी आस्था है. यह भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में दिनभर लीन रहती हैं. 16 वर्ष की उम्र में रुक्मणी मान मंदिर से जुड़ी. पद्मश्री संत रमेश बाबा के सानिध्य में भगवान श्री कृष्ण की भक्ति किया करती थी. जब गांव में प्रभात फेरी निकाली जाती थी तो रुक्मणि इस में बढ़ चढ़ कर भाग लेती थी.
कृष्ण से विवाह की ठानी जिद
रुक्मणी के पिता ने उनके लिए कई जगह रिश्तों की तलाश की लेकिन रुक्मणी ने भगवान श्री कृष्ण से ही विवाह करने की इच्छा जाहिर की और अपनी जिद पर अड़ी रही.लेकिन जब परिजनों के लाख समझाने पर भी नहीं मानी तो परिजनों ने मान मंदिर पर संपर्क कर साधु संतों को बेटी की इच्छा के बारे में जानकारी दी.
27 नवंबर को मान मंदिर से श्री कृष्ण भगवान की प्रतिमा को दूल्हे के रूप में सजाकर मेक्स गाड़ी से 150 के आस पास बराती गांव अरहेरा पहुंचे. स्वयं श्री कृष्ण भगवान दूल्हा के रूप में बग्गी में विराजमान हुए बड़ी धूमधाम से घुड़चड़ी चढ़ी हुई. विवाह के मंडप में गोधूलि बेला पर गांव की रुक्मणि के साथ श्री कृष्ण भगवान की प्रतिमा के साथ फेरा पड़े और पूरे विधि विधान से विवाह सम्पन्न हुआ. विवाह समारोह में बड़ी संख्या में आसपास के लोग शामिल हुए और कन्यादान भी किया.
विवाह संपन्न के बाद विदाई की रस्म भी पूरी हुई रुक्मणी भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा के साथ विदा हुई और मान मंदिर स्थित गौशाला पहुंची जहां उनके रुकने की व्यवस्था की गई है.