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पुष्‍कर मेले में GST टीम को ढूंढने से भी नहीं म‍िला '15 करोड़ का घोड़ा', वहीं डेरा डालकर बैठ गए अध‍िकारी

घोड़ों की बिक्री पर 5% जीएसटी लगने के साथ ही पुष्कर पशु मेले में एक नया कैंप कार्यालय स्थापित किया गया है.

पुष्‍कर मेले में GST टीम को ढूंढने से भी नहीं म‍िला '15 करोड़ का घोड़ा', वहीं डेरा डालकर बैठ गए अध‍िकारी
पुष्कर मेले में कोई भी घोड़ा एक करोड़ में भी नहीं बिका.
PTI

पुष्‍कर मेले में जीएसटी टीम तैनात है, ताकि पशु व्यापार के लिए प्रसिद्ध इस मेले में जीएसटी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा सके. यह पहली बार है जब जीवित घोड़ों की बिक्री पर जीएसटी लागू किया जा रहा है. अजमेर के सर्किल अधिकारी एच. के. कविया ने बताया, "अन्य जानवरों की बिक्री पर जीएसटी नहीं है, लेकिन जीवित घोड़ों की बिक्री पर 5% जीएसटी है. यह तभी लागू होता है, जब बिक्री 40 लाख रुपये से अधिक की हो. अगर कोई घोड़ा 40 लाख से अधिक में बिकता है तो जीएसटी देना अनिवार्य है. हालांकि, व्यापारी चाहें तो इससे कम बिक्री पर भी स्वेच्छा से जीएसटी दे सकते हैं. हमारी टीम वहां इसलिए कैंप कर रही है ताकि पशु व्यापारियों को जीएसटी भुगतान की प्रक्रिया में सहायता मिल सके. आखिरकार विभाग का काम जीएसटी के दायरे में राजस्व संग्रह को बढ़ाना है. "

पुष्कर मेले में GST अधिकारियों का कैंप 

उन्होंने बताया, "2-3 जीएसटी अधिकारी हर दिन पुष्कर मेले में कैंप करते हैं, और राज्य के पशु चिकित्सा विभाग के साथ समन्वय में काम करते हैं. पशु चिकित्सा विभाग हर घोड़े की बिक्री या लेनदेन के लिए एक चालान या यात्रा परमिट जारी करता है. विभाग ने सोशल मीडिया पर आई उन खबरों पर ध्यान दिया, जिनमें घोड़ों की कीमत करोड़ों में बताई जा रही थी."

शाहबाज ने 15 करोड़ घोड़े की कीमत बताई थी 

चंडीगढ़ के शाहबाज ने अपने घोड़े की कीमत 15 करोड़ बताई थी, और उसके मालिक गैरी गिल ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि उन्हें 9 करोड़ रुपये का ऑफर मिला है. मेले के अन्य चर्चित घोड़े, बादल (15 लाख), शहजादी (51 लाख) और नगीना (1 करोड़) ने भी मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी.

"कोई भी घोड़ा एक करोड़ में भी नहीं बिका"

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक खरे ने बताया, "यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर यह दिखा रहे हैं कि घोड़े 13 करोड़ तक में बिक रहे हैं. जाहिर है, इससे जीएसटी विभाग सतर्क हुआ है. लेकिन ये कीमतें भ्रामक हैं. अब तक कोई भी घोड़ा 1 करोड़ में नहीं बिका है,” उन्होंने कहा, "पशुपालन विभाग के अनुसार, घोड़ों की अधिकतम बिक्री 2-3 लाख से लेकर 8-10 लाख रुपये तक रही है. विभाग हर घोड़े की बिक्री पर प्रमाणपत्र और ट्रांसफर परमिट जारी करता है."

पुष्कर मेले में लगभग 45 सौ घोड़े हैं 

पशुपालन विभाग के अत‍िर‍िक्‍त न‍िदेशक डॉ. आलोक खरे ने बताया, "पुष्कर मेले में लगभग 4,500 घोड़े हैं, और किसी भी घोड़े की बिक्री 40 लाख से अधिक में नहीं हुई है, जिस पर जीएसटी लागू होता है. जीएसटी अधिकारियों ने हमारे रिकॉर्ड की जांच की है. हमारे पास हर घोड़े और जानवर की बिक्री का रिकॉर्ड है, और अब तक किसी भी जानवर की बिक्री करोड़ों में नहीं हुई है."

कई लोग घोड़ों को प्रदर्शित करने के लिए लाते हैं 

ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स सोसाइटी के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह पोसाना ने कहा, “कई घोड़े के मालिक अपनी घोड़ियों या घोड़ों को प्रदर्शित करने के लिए भी आते हैं. वे चाहे तो कोई भी कीमत बता सकते हैं, लेकिन असली मूल्य तो तभी तय होगा जब घोड़ा वास्तव में बिकेगा. कई घोड़े प्रजनन (breeding) के लिए रखे जाते हैं, इसलिए मालिक उन्हें प्रदर्शित करते हैं और ऊंची कीमत बताते हैं, पर वास्तव में वे उन्हें उस दर पर बेचते नहीं. यह अपने पास मौजूद संपत्ति का एक मूल्य तय करने जैसा है."

सोशल मीडिया रील्स ने सितारा बना दिया  

कई सोशल मीडिया रील्स और यूट्यूब वीडियोज में पुष्कर मेले के घोड़ों और भैंसों को 'सितारा' बना दिया है, जहां, उन्हें आसमान छूती कीमतों के टैग के साथ दिखाया जा रहा है. लेकिन इन अत‍िश‍ियोक्‍त‍ि कीमतों ने जीएसटी विभाग को सतर्क कर दिया है. और अब विभाग इस पशु मेले पर कड़ी निगरानी रखेगा.

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