
Rajasthan News: पश्चिमी राजस्थान में इस बार मानसून की बेरुखी ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. खासकर सांचौर, चितलवाना और बागोड़ा क्षेत्र में लंबे समय से बारिश नहीं होने से खेतों में खड़ी फसलें सूखने लगी हैं और किसानों की मेहनत बर्बाद होने के कगार पर है.
सावन सूखा गया, किसान बेहाल
हर साल उम्मीदों के साथ किसान सावन की बाट जोहते हैं लेकिन इस बार पश्चिमी राजस्थान में सावन का महीना भी अधिकांशतः सूखा ही बीतता नजर आ रहा है. शुरुआत में हुई हल्की बारिश के बाद बादलों ने जैसे इन इलाकों से मुंह मोड़ लिया हो. नतीजा यह हुआ कि खेतों में बोई गई बाजरा, मोठ, ग्वार, मूंग, तिल जैसी फसलें अब मुरझाने लगी हैं. यहां तक की चरागाहों से हरियाली भी गायब होती नजर आ रही है
खेतों में सूखने लगी हैं फसलें
किसानों ने बताया की जुलाई की शुरूआत में जैसी-तैसी बारिश हुई उस समय बीज बो दिए, लेकिन उसके बाद एक भी ढंग की बारिश नहीं हुई अब खेतों में फसले सूखने लगी हैं. हर रोज़ सुबह खेत में जाकर बस मायूसी लेकर लौट रहे है. बता दें कि प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में खेती पूरी तरह से बारिश पर निर्भर है.
ऐसे में अगर समय पर मानसून साथ न दे तो किसान बुरी तरह संकट में फंस जाता हैं. इस बार भी तस्वीर कुछ ऐसी ही बन रही है एक तरफ आसमान की ओर टकटकी लगाए किसान हैं तो दूसरी ओर खेतों में मुरझाती फसलें.
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