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This Article is From May 20, 2024

भरतपुर राज परिवार की लड़ाई पर हुई सुनवाई, विश्वेन्द्र सिंह और दिव्या सिंह के वकील के बीच क्या हुई बहस...

कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष के वकील मौजूद थे और दोनों के बीच बहस हुई. वहीं, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट भरतपुर द्वारा फैसले को पेंडिंग में रखते हुए अगली तारीख 24 मई दी गई है.

भरतपुर राज परिवार की लड़ाई पर हुई सुनवाई, विश्वेन्द्र सिंह और दिव्या सिंह के वकील के बीच क्या हुई बहस...

Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर राज परिवार में कलह जारी है और यह मामला अब कोर्ट में पहुंच गया. भरतपुर राज परिवार के विश्वेन्द्र सिंह (Vishvendra Singh)  ने SDM ट्रिब्यूनल कोर्ट में परिवाद दायकर कर अपनी पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह पर आरोप लगाया कि उन्हें वह मानसिक रूप से प्रताड़ति करते हैं. उन्हें मारते-पीटते हैं और खाना नहीं दिया जाता है. ऐसे में उन्होंने भरन पोषण देने की मांग को लेकर याचिका दायर की है. इस परिवाद पर सोमवार (20 मई) को सुनवाई की गई.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष के वकील मौजूद थे और दोनों के बीच बहस हुई. वहीं, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट भरतपुर द्वारा फैसले को पेंडिंग में रखते हुए अगली तारीख 24 मई दी गई है.

याचिका कोर्ट में चलाने लायक नहीं

भरतपुर के पूर्व राज परिवार में प्रॉपर्टी को विवाद के मामले को लेकर पूर्व महाराजा और पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भरण-पोषण के लिए 5 लाख रुपए प्रति महीना खर्चा दिए जाने की मांग को कोर्ट में याचिका दायर की थी.जिसे लेकर  लेकर कोर्ट में पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह की पत्नी और पुत्र की ओर से किए गए वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि यह याचिका इस कोर्ट में चलने लायक नहीं है. इसी को लेकर राज परिवार के सदस्य विश्वेंद्र सिंह की ओर से हमारे द्वारा जवाब पेश किया गया है. सब डिविजनल मजिस्ट्रेट भरतपुर द्वारा इस मामले के फैसलों को पेंडिंग रखा गया है.अगली तारीख 24 मई दी गई है.

पहले भी कई बार राज परिवार के बीच झगड़े का मामला आया सामने. जहां ट्विटर पर पिता पुत्र के बीच जमकर घमासान हुआ. उसके बाद एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपण का दौर चलता रहा और अब लड़ाई कोर्ट तक पहुंच गई.

मोती महल का पट्टा रानी दिव्या सिंह के नाम

बता दें बीते दिन दिव्या सिंह और अनिरुद्ध सिंह ने विश्वेन्द्र सिंह पर आरोप लगाया कि विश्वेन्द्र सिंह ने सारी प्रॉपर्टी बेच दी है. उन्होंने डॉक्यूमेंट पर हमारे फर्जी सिग्नेचर भी कराए हैं. एक मोती महल है, जिसे बेचना चाहते थे और उसे बचाने के लिए यह पूरा मामला बना है. मोती महल महारानी दिव्या सिंह के नाम है और उनके नाम से पट्टा भी है. उन्होंने कहा कि महाराजा विश्वेंद्र सिंह को हमने लोगों से मिलने से नहीं रोका है.  उनके सोशल मीडिया एकाउंट पर जाकर के देख सकते हैं. वह लोगों से मुलाकात करते हैं. और उन्होंने जो मारपीट के आरोप लगाए हैं, उसे समय गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. उनके साथ कैसे मारपीट हो सकती है. अगर मारपीट होती तो पुलिस में भी मामला दर्ज होता. वह खुद ही 3 साल में महल नहीं आए. हम लोगों की पर्सनल लाइफ है. हम लोगों के फाइनेंस सक्सेज से दिक्कत है, तो हम कुछ नहीं कर सकते.

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