
भरतपुर के ऐतिहासिक श्री जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले का गुरुवार को शुभारंभ किया गया. श्री जसवंत प्रदर्शनी स्थल पर ध्वजारोहण एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ फीता काटकर परम्परागत तरीके से उद्घाटन किया गया. साथ ही, प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया. जिला कलक्टर और एसपी ने तीन रंग के गुब्बारे भी आसमान में छोड़े. मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष लोक बंधु ने बताया कि इस मेले में विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा.

आजादी के पहले से लग रहा मेला
जिला कलेक्टर लोक बंधु ने बताया कि कोरोना काल के बाद इस मेले की पुन: शुरुआत हुई है. उन्होंने बताया कि यह मेला 1920 से लगता हुआ चला रहा है और यह परंपरा यथावत जारी रहेगी. एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि मेले में करीब 300 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
44 लाख रुपए की हो चुकी है आय
संयुक्त निदेशक एवं मेला अधिकारी डॉक्टर नागेश ने बताया कि राजस्थान सरकार को इस मेले से काफी राजस्व लाभ होता है. इस बार कच्ची व पक्की दुकानों से 44 लाख रुपए की आय हो चुकी है. इस मेले की शुरुआत गुरुवार से हुई है. इस मेले में 19 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक पशु प्रतियोगिता, 21 अक्टूबर को भजन जिगरी और 22 अक्टूबर को नौटंकी का आयोजन होगा. इसके अलावा ढोला गायन का 23 अक्टूबर और रावण दहन 24 अक्टूबर के साथ कुश्ती दंगल 23 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा. 25 अक्टूबर को सांस्कृतिक संध्या और बाजार प्रतियोगिता भी होगी.

मेले में विधानसभा में मतदान की दिलाई गई शपथ
पारितोषिक वितरण एवं मेले का समापन 27 अक्टूबर को किया जाएगा. इस मेले की शुरुआत 1920 में महाराज किशन सिंह ने अपने पिता महाराजा जसवंत सिंह की याद में शुरू किया था. इस बार इस मेले को 103 साल हो जाएंगे. जिले के साथ आसपास के क्षेत्र के लोगों को इस मेले का इंतजार रहता है. इस मेले के शुभारंभ के दौरान वहां मौजूद अधिकारी एवं आमजन को जिला कलेक्टर लोकबंधु ने विधानसभा चुनावों को देखते हुए मतदान करने की शपथ दिलाई.

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