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थार के रेगिस्तान में भारतीय सेना ने किया युद्धाभ्यास, ठोस ट्रेनिंग के साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने को तैयार जवान

Indian Army Conducted Maneuvers in Thar Desert: इस अभ्यास के दौरान आधुनिक हथियारों और टीम वर्क के साथ युद्ध के वक्त किस तरह अपने साथी जवानों के साथ मिलकर प्लानिंग के साथ दुश्मन के घर में घुसकर उसे मुंह तोड़  जवाब देने और अपनी टुकड़ी को वापस सेफ्टी के साथ लाने के गुर सिखाए गए.

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थार के रेगिस्तान में भारतीय सेना ने किया युद्धाभ्यास, ठोस ट्रेनिंग के साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने को तैयार जवान
अभ्यास के दौरान सेना का एक जवान

Jaisalmer News: देश की पश्चिमी सरहद पर बसे जैसलमेर की पोकरण फील्ड फाइन रेंज में भारतीय सेना के जवानों ने अपना दमखम दिखाया. थार के रेगिस्तान में इन दिनों भारतीय सेना अपना युद्धाभ्यास कर रही है. पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना के जवानों ने अभ्यास के दौरान रात और दिन की दोनों की परिस्तिथियों में अपना युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया. यह अभ्यास 'बैटल एक्स डिवीजन' द्वारा रेगिस्तानी इलाके में किया गया.

दरअसल, भारतीय सेना इन दिनों जवानों के युद्ध कौशल को बेहतर करने के लिए थार के रेगिस्तान के बीच सेना की टुकड़ियों को ठोस प्रशिक्षण दे रही है. इस अभ्यास का आयोजन सेना की 'बैटल एक्स डिवीजन' द्वारा किया गया है. इसका मकसद ठोस प्रशिक्षण के दौरान जवानों को भविष्य की चुनौतियों के लिए सशक्त बनाया जा सके.

जवानों को आपात परिस्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहना होता है, जिसके लिए सेना द्वारा समय-समय पर अभ्यास करवाया जाता है. इस बार भारतीय सेना ने रेंज में अभ्यास कर दौरान मारक क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया व हथियारों के जरिए दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नेस्तनाबूद किया.

इस अभ्यास का उद्देश्य जवानों को विषम परिस्थितियों में टीम वर्क के बदौलत जीत हासिल करने व निडर रक्षक के रूप में दुश्मन के इलाके में जाकर उनके ठिकानों को ध्वस्त करना था. निडर रक्षकों के निर्माण के तहत बैटल एक्स डिवीजन के योद्धाओं ने पोखरण में युद्ध के काल्पनिक हालात के दौरान रेगिस्तान में युद्ध अभ्यास किया.

इस अभ्यास के दौरान आधुनिक हथियारों और टीम वर्क के साथ युद्ध के वक्त किस तरह अपने साथी जवानों के साथ मिलकर प्लानिंग के साथ दुश्मन के घर में घुसकर उसे मुंह तोड़  जवाब देने और अपनी टुकड़ी को वापस सेफ्टी के साथ लाने के गुर सिखाए गए.

टुकड़ियों ने ठोस प्रशिक्षण देकर जिसने उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए सशक्त बनाया. यह एक सीधा मैसेज है कि डेजर्टकॉर्प्स अचानक आई विषम परिस्थितियों में भी युद्ध के लिए तैयार है.

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