Jat Reservation Movement: केंद्र की सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग लेकर धरने पर बैठे भरतपुर के जाटों को पूर्व सांसद पंडित रामकिशन का साथ मिला है. गुरुवार को पंडित रामकिशन उच्चैन उपखंड के जयचौली गांव में चल रहे जाट आरक्षण आंदोलन के महापड़ाव में पहुंचे. उन्होंने जाट आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इस दौरान भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण आंदोलन संर्घष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार सहित अन्य लोग भी वहां मौजूद थे. बातचीत के दौरान पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि यह आदोलन सरकार की गलती का नतीजा है. उन्होंने यह भी कहा कि अब जब राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकार है तो सरकार को भरतपुर और धौलपुर के जाटों को आरक्षण दे देना चाहिए.
मालू्म हो कि पूर्व सांसद पंडित रामकिशन भरतपुर के वयोवृद्ध नेता हैं. वो समाजवादी पार्टी से सांसद रहे हैं. उन्हें भरतपुर में राजनीति का सबसे पुराना पुरोधा माना जाता है. राज्य का कोई भी बड़ा नेता जब भरतपुर पहुंचता हैं तो वो पंडित रामकिशन से मिलने जरूर जाता है. ऐसे में पंडित रामकिशन का साथ जाट आरक्षण आंदोलन समिति को मिलना बड़ी बात मानी जा रही है.
बताते चले कि केंद्र की सरकारी नौकरियों में ओबीसी वर्ग में लाभ लेने के लिए आरक्षण की मांग को लेकर के 9 दिनों से उच्चैन उपखंड के गांव जयचौली में जाट समाज के द्वारा महापड़ाव डाला हुआ है. आंदोलनरत जाट समाज के प्रतिनिधियों की सरकार से बातचीत भी हुई, लेकिन अभी तक कोई निदान नहीं निकल सका है. ऐसे में इस आंदोलन के अब गरमाने की बात कही जा रही है.
पंडित रामकिशन बोले- यह सरकार की गलती से आरक्षण
महापड़ाव में पहुंचे पूर्व सांसद और राजनीति के विशेषज्ञ पंडित रामकिशन ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार में भाजपा की सरकार है और इन्हें भरतपुर और धौलपुर के जाटों को आरक्षण दे देना चाहिए. इसका श्रेय भाजपा सरकार को मिलेगा. पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि यह जाट आंदोलन सरकार की गलती से हो रहा है. जब राजस्थान के अन्य जाटों को केंद्र में आरक्षण दे रखा है तो भरतपुर और धौलपुर के जाटों को अलग रखने का क्या कारण है?
भरतपुर और धौलपुर के जाटों को क्यों नहीं मिल रहा आरक्षण
मालूम हो कि भरतपुर और धौलपुर के जाटों के अलावा प्रदेश के अन्य सभी जिलों के जाटों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है. लेकिन भरतपुर और धौलपुर के जाटों को इसलिए आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाता क्योंकि वो राजपरिवार के हैं. एक समय में भरतपुर और धौलपुर में जाट का राज था. लेकिन अब भरतपुर और धौलपुर के जाट समाज के लोग भी केंद्र सरकार की नौकरियों में ओबीसी के तहत आरक्षण की मांग कर रहे हैं. पंडित रामकिशन ने कहा कि जाटों की मांग जायज हैं. सरकार को उन्हें भी आरक्षण देना चाहिए.
अब लड़ाई आर-पार की होगीः फौजदार
दूसरी ओर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि यह आरक्षण की लड़ाई अब आर-पार होनी है और कभी भी दिल्ली मुंबई रेलवे ट्रैक के साथ हाईवे को जाम किया जा सकता है. अगर वह कहते हैं कि यहां राज था तो राज तो हिंदुस्तान में सभी जगह था.बांसवाड़ा में भीलों का राज था, ढूढांड में मीणाओं का राज था. सभी जगह चले जाओ सभी जातियों का अलग-अलग राज था.अगर इन्हें राज के आधार पर वंचित किया जा रहा है तो जाट समुदाय की गलती नहीं है.
सरकार हमारी मांगों पर गंभीर नहींः फौजदार
जाट आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि सरकार ने जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल को जयपुर वार्ता के लिए बुलाया था. हमारी सरकार के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता हुई लेकिन सरकार आरक्षण के मामले को लेकर गंभीर नहीं है. सीएम भजनलाल शर्मा भरतपुर के निवासी हैं अगर वह इस आरक्षण को लेकर गंभीर होते तो हमसे वार्ता करते और केंद्र सरकार को अवगत कराते. अब जगह-जगह महापड़ाव चलेंगे और समाज के लोगों को यह सूचित कर दिया है कि वह अपने-अपने गांव पर अलर्ट पर रहे कभी भी चक्का जाम का संदेश पहुंच सकता है.
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